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Balrampur Assembly Constituency : हर बार बदलता है हार-जीत का समीकरण, इस बार मुकाबला रोचक

locationबलरामपुरPublished: Sep 04, 2021 03:17:50 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

Balrampur Assembly Constituency पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मस्थली रही है…

balrampur assembly constituency history details

Balrampur Assembly Constituency : हर बार बदलता है हार-जीत का समीकरण, इस बार मुकाबला रोचक

बलरामपुर. उत्तर प्रदेश की बलरामपुर विधानसभा सीट (Balrampur Assembly Constituency) पू्र्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की कर्मस्थली रही है। इसे जनसंघ (Jansangh) का गढ़ भी कहा जाता है। यहां से दो बार जनसंघ और तीन बार बीजेपी (BJP) को सफलता मिली है। 1957 में बलरामपुर विस सीट से अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार सांसदी जीते थे। वर्तमान में बीजेपी के पलटूराम यहां से विधायक और आरती तिवारी जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। इस सीट पर सभी दलों को जीत मिली है। अमूमन हर बार अलग-अलग दलों के प्रत्याशी जीतते रहे हैं। 2022 में 18वीं विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में मुकाबला रोचक रहने की उम्मीद है।
Balrampur Assembly Constituency के लिए अब तक 16 बार चुनाव हो चुके हैं जिनमें सबसे अधिक 06 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की, लेकिन 1996 के बाद से अब तक इस सीट पर कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई है। तीन बार सपा और 01 बार बसपा भी इस सीट से चुनाव जीत चुकी है। वर्ष 2012 में बलरामपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई थी। तब समाजवादी पार्टी के जगराम पासवान ने चुनाव जीता था। इससे पहले यह सीट सामान्य वर्ग के लिए थी। वर्तमान में बलरामपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
2022 में आसान नहीं है विधायक की राह
UP Assebmbly Elections 2017 में बीजेपी के पलटूराम ने कांग्रेस-सपा गठबंधन के प्रत्याशी शिवलाल को 2500 वोटों से हराकर पहली बार विधायकी जीती थी। मूलरूप से गोंडा निवासी पलटूराम ने छात्र राजनीति से अपना पॉलिटिकल करियर शुरू किया था। स्नातक तक पढ़े-लिखे पलटूराम की उम्र 51 वर्ष है। पलटू राम की छवि प्रखर वक्ता की है। आम लोगों के बीच का काफी लोकप्रिय हैं। लेकिन, इस बार इनके सामने विपक्ष की कड़ी चुनौती के चलते राह आसान नहीं है।
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बलरामपुर सीट की प्रमुख समस्या
भारत-नेपाल सीमा से सटे बलरामपुर में आज भी पिछड़ापन नजर आता है। आजादी के बाद से अब तक यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहा है। तकनीकी शिक्षण संस्थाओं की कमी, टूटी सड़कें और बेतरतीब ट्रैफिक यहां की मुख्य समस्या है। हालांकि, जाम की समस्याओं के निजात के लिए शहर में बाईपास का निर्माण कराया जा रहा है। क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज का भी निर्माण किया जा रहा है। गन्ना इस क्षेत्र के किसानों का मुख्य फसल है और बलरामपुर चीनी मिल अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है।
कुल मतदाता
बलरामपुर विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 414967 है। इस सीट पर पुरुष मतदाता 2,28,444 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,86,523 है। बलरामपुर में सबसे अधिक 38 फीसदी ओबीसी बिरादरी के लोग रहते हैं। यहां करीब 23 फीसदी मुस्लिम, 21 फीसदी एससी-एसटी और 18 फीसदी सामान्य बिरादरी की आबादी रहती है।
किस दल का कौन प्रत्याशी?
किसी भी दल ने अभी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। माना जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से पलटूराम ही प्रत्याशी होंगे, जबकि दूसरे दलों के करीब दो-दो नाम चर्चा में हैं।
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