ताजा मामला कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम गोपिया पुर से जुड़ा है जहां पर NH 730 के बगल में स्थित कुछ जमीन पर उसी गांव के दबंग भूमाफिया कब्जा करके अस्थाई निर्माण कर रहे हैं । आश्चर्य तो इस बात का है कि कोतवाली देहात की पुलिस भी उनका साथ दे रही है । पुलिस से न्याय न मिलता देख पीड़ित महिलाएं जिला अधिकारी से न्याय मांगने कलेक्ट्रेट पहुंच गई । दूसरा मामला कोतवाली उतरौला के चौकी श्रीदत्तगंज के बगल स्थित ग्राम पड़री रैकवार का है जहां पर एक गरीब परिवार के आशियाने को उसी गांव के ग्राम प्रधान ने सिर्फ इसलिए उतड़वा दिया क्योंकि उसने ग्राम प्रधान के मनमाफिक ब्यवहार नहीं किया था । पीड़ित महिला सोनपती अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ श्रीदत्तगंज चौकी गई जहां पर पुलिसवालों ने उसे भगा दिया । क्योंकि ग्राम प्रधान का पुलिस के पास पहले ही फोन आ चुका था । पीड़ित महिला सोनपती जिलाधिकारी के सामने रो-रो कर अपनी दास्तां सुना रही थी और उसने यहां तक कहा कि उसे न्याय नहीं मिला तो वह यहीं पर आत्महत्या कर लेगी ।
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने दोनों मामलों पर संबंधित थानों की पुलिस को तत्काल मौके पर जाकर न्यायोचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है । अब सवाल यह उठता है कि योगी सरकार के एंटी भू माफियाओं पर शिकंजा कसने का दावा बलरामपुर में कहीं ना कहीं फिसड्डी साबित हो रहा है । दबंगों तथा भू माफियाओं को पुलिस और प्रशासन का जरा सा भी खौफ नहीं रहा है । भूमाफियाओं के बढ़े हौसले के लिए कहीं ना कहीं पुलिस प्रशासन भी जिम्मेदार हैं और उसमें मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता ।