जनकपुर रेंज के फॉरेस्टर सूरज कुमार पांडे ने बताया कि, वनरक्षक सुशील कुमार के साथ वह गश्त पर थे मुखबिर से सूचना मिली की दो व्यक्ति तुलसीपुर नगर की ओर बोरे में भरकर कुछ ले जा रहे है। मुखबिर की सूचना मिलते ही एसएसबी 9वीं वाहिनी के उपनिरीक्षक रामदेव की मदद से चेकिंग अभियान शुरू कर दिया गया। नई बाजार चौराहे पर दो लोग आते दिखे, जिन्हें रोककर तलाशी ली गई। जिसमें बोरी में मिट्टी के नीचे छुपा कर रखे गए रेड सेंडबोआ सांप बरामद किया गया। अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान उन्होंने अपना नाम संतोष पुत्र मनोहर निवासी लखीमपुर व उमेश पुत्र रामनरेश बताया।
पकड़े गए दोनों अभियुक्तों को वन विभाग की टीम ने जरवा पुलिस के हवाले कर दिया है। जांच में ये भी पता चला कि सांप को सोहलवा जंगल से पकड़ कर अन्य जिले में बेचने के लिए ले जाया जा रहा था। डॉक्टर हिमांशु द्विवेदी ने बताया कि सेंडबोआ सांप अधिकतर मरुस्थलीय इलाके में पाया जाता है। सुहेलवा जंगल स्थित पहाड़ी नालों में भी इस सांप की उपलब्धता है। इसकी बिक्री अमेरिका, चाइना सहित अन्य देशों में होती है। इस सब का प्रयोग औषधि बनाए जाने में की जाती है दुर्लभ प्रजाति का होने कारण इस सांप की विदेशों में कीमत लाखों रुपए में होती है।