लाकडाउन के दौरान किसी को कोई तकलीफ न हो इसको ध्यान में रखते हुये सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोजगार सेवकों के तीन साल से बकाया मानदेय के भुगतान का आदेश दिया। बलरामपुर जनपद के पचपेडवा विकासखण्ड के कर्मचारियों ने मिलीभगत करके इसमें भी हेराफेरी का खेल कर दिया। पचपेडवा विकासखण्ड के 70 रोजगार सेवकों को मानदेय देने के लिए 35,30,397 रुपये का माँगपत्र रोजगार सेवको के बैंक खाता संख्या और आईएफएससी कोड के साथ शासन को भेज दिया। शासन से सीधे रोजगार सेवको के खाते में धनराशि भी आ गयी और उसका बन्दरबाँट भी शुरु हो गया।
इसी बीच हरखडी गाँव के रोजगार सेवक अनिल कुमार गुप्ता का आईएफएससी कोड गलत होने के कारण उसके खाते में आया 60 हजार रुपये वापस चले गये। रोजगार सेवक अनिल कुमार गुप्ता ने जब इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की तो सीडीओ ने जाँच कमेटी बनाकर जाँच कराई तो चौकाने वाला खुलासा सामने आया।
जाँच में यह तथ्य सामने आया कि पचपेडवा विकासखण्ड के सभी 70 रोजगार सेवकों का कुल 17,40,027 रुपये ही बकाया मानदेय है और इसी का भुगतान होना चाहिये था। लेकिन विकासखण्ड के अधिकारी और कर्मचारियों ने मिलीभगत करके 35,30,397 रुपये की डिमान्ड शासन से कर दी थी जो बकाया मानदेय से 16,86,027 रुपये अधिक थी। रोजगार सेवकों के खातों में पैसा आने के बाद उसे निकाल भी लिया गया और मामले को दबाये रखा गया। घोटाला पकड़ में आने के बाद विकास विभाग में हडकम्प मच गया।
पहले तो रोजगार सेवकों को किये गये अधिक मानदेय भुगतान की वसूली कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया गया लेकिन मामले की गम्भीरता को देखते हुये लेखाकार अकबर मेंहदी जैदी और अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी अमित कुमार शर्मा के खिलाफ पचपेडवा थाने में बीडीओ अनुज कुमार सक्सेना की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करा दी गयी है। विभागीय जाँच होने के साथ डीएम ने बीडीओ अनुज कुमार सक्सेना के खिलाफ भी कार्रवाई के लिये शासन को पत्र लिखा है।