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बलरामपुर में दो वर्ष से आतंक की पटकथा गढ़ता रहा मुस्तकीम

locationबलरामपुरPublished: Aug 24, 2020 06:17:51 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

बलरामपुर का रहने वाला आतंकी दिल्ली पहुंचता है और वहां स्पेशल टीम द्वारा गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन बलरामपुर की पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी

बलरामपुर में दो वर्ष से आतंक की पटकथा गढ़ता रहा मुस्तकीम

बलरामपुर का रहने वाला आतंकी दिल्ली पहुंचता है और वहां स्पेशल टीम द्वारा गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन बलरामपुर की पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।

सुजीत कुमार
बलरामपुर. बलरामपुर जिला भारत नेपाल सीमा पर बसा है। सीमावर्ती क्षेत्र होने व खुली सीमाओं के कारण विभिन्न प्रकार के अपराधों की संम्भावनाओं से नकारा नहीं जा सकता है। नेपाल राष्ट्र से आये दिन अवैध हथियार, नशीले पदार्थ, शराब, पान मसाले सहित अन्य चीजों की तस्करी होती है। तस्कर दोनों देशों की मित्रता व खुली सीमाओं का भरपूर लाभ उठाते हैं और आसानी से एक देश से दूसरे देश में चले जाते हैं।
बलरामपुर जिला शुरू से ही संवेदनशील जिला माना जाता है। पूर्व में भी कई आतंकी गतविधियों में जिले का नाम जुड़ चुका है। बावजूद यहां की पुलिस और खुफिया तंत्र पूरी तरह से निष्क्रिय है। बड़ा सवाल यह है की दिल्ली में पकड़ा गया आतंकी अबु युसूफ उर्फ़ मुस्तकीम अपने गांव के कब्रिस्तान में बम बनाकर चेक करता रहा, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। ये कहीं न कहीं लोकल पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। बलरामपुर का रहने वाला आतंकी दिल्ली पहुंचता है और वहां स्पेशल टीम द्वारा गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन बलरामपुर की पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
सदमे में बलरामपुर पुलिस
बलरामपुर पुलिस अपनी नाकामियों को लेकर सदमे में है! लगातार तीन दिनों से जिले के एसपी व अन्य पुलिस अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है लेकिन न तो फोन उनके द्वारा उठाया जा रहा है और न ही कॉल बैक किया जा रहा। बलरामपुर पुलिस को आतंकी यूसुफ के बारे में जानकारी न होने का मलाल है। कभी अपने गुड़वर्क को वीडियो और बाईट सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित करने वाली बलरामपुर पुलिस अपने नाकामियों की वजह से मुंह छुपाए बैठी है।
दो साल से आतंक फैलाने की तैयारी
दिल्ली के स्पेशल टीम ने जिस आतंकी अबु युसूफ उर्फ़ मुस्तकीम को गिरफ्तार किया है वह दो साल से आतंक फ़ैलाने की तैयारी कर रहा था। लेकिन बलरामपुर की पुलिस और ख़ुफ़िया तंत्र को इसकी भंनक तक नहीं लगी। मुस्तकीम ने उतरौला में रहकर ही धमाका करने का सामान जुटाया। उसके घर से भी दिल्ली से आई स्पेशल टीम ने भारी मात्रा में विस्फोटक और फियादीन हमले में प्रयोग की जाने वाली जैकट बरामद की। बताया जा रहा है की मुस्तकीम के तार सीमा पार बैठे आतंकी आकाओं तक जुड़े थे। इतनी बड़ी साजिश बलरामपुर पुलिस के नाक के नीचे होती रही लेकिन यहाँ की पुलिस और ख़ुफ़िया एजेंसिया सोती रही। अगर आईबी की टीम उस पर नजर न रख रही होती और वह गिरफ्तार न होता देश में आतंक की नई पटकथा लिखी जाती।
आतंकियों का सुरक्षित जोन है जिला बलरामपुर!
भारत नेपाल सीमा पर बसा बलरामपुर जिला आतंकियों के लिए सुरक्षित जोन माना जाता है। कई बड़े अपराध में बलरामपुर जिले का नाम जुड़ चूका है। वर्षो पूर्व बलरामपुर के युवक ने पाकिस्तानी नागरिकता भी ली थी जिसके बाद काफी हंगामा खड़ा हुआ था। संवेदनशील जिला होने बावजूद यहाँ की पुलिस और खुफिया एजेंसियों का तंत्र पूरी तरह फेल है। जिले से ही इतनी बड़ी आतंकी साजिश रची गई लेकिन यहां न तो पुलिस न ही अन्य किसी ख़ुफ़िया एजेंसी को भनक लगी।
कहां से मिल रही थी आतंकी युसूफ को आर्थिक मदद
आतंकी मुस्तकीम उर्फ युसूफ ने पकड़े जाने के बाद कई खुलासे किये, लेकिन बड़ा सवाल यह है की आतंक की फैक्ट्री लगाने के लिए आतंकी युसूफ को आर्थिक मदद कहा से मिल रही थी। दिल्ली से बलरामपुर पहुंची स्पेशल टीम ने युसूफ की निशानदेही पर कई लोगों को हिरासत में लिया और छापेमारी की। हिरासत में लिए गए लोगों से घण्टों पूछताछ करने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। दिल्ली की स्पेशल टीम छानबीन करने में जुटी है कि आतंकी युसूफ को आर्थिक सहायता कहां से मिल रही थी। इससे वह इतनी बड़ी साजिश रच रहा था।
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