बैंक कर्मचारियों की यह है प्रमुख मांगे यूनाइटेड फोरम आप बैंक यूनियन के बैनर तले धरने का नेतृत्व करते हुए एआईबीईए के जिला महामंत्री संजय कुमार शुक्ला कहां जन धन से मुद्रा लोन होते हुए फसल ऋण माफी तक सारे बैंकों में रात के दो बजे तक बैठकर काम किया। उसके बाद सरकार की संस्था भारतीय बैंक संघ आईबीए दो प्रतिशत जैसी तुच्छ वेतन वृद्धि का प्रस्ताव करती है, जो निंदनीय है। सभी बैंक साथियों पर थर्ड पार्टी प्रोडक्ट्स बेचने पर जोर दिया जाता जो बैंकर उत्पीड़न है। उन्होने शीघ्र ही 11वां बाइपरटाइप लागू करने की मांग की, जिससे बैंकर के वेतन एवं सेवा भर्ती में तत्काल पर्याप्त समुचित वृद्धि हो सके।
एसबीआई के क्षेत्रीय सचिव डीपी शर्मा ने कहा की एंप्लाइज एसोसिएशन ने सभी लंबित मामले के शीघ्र निस्तारण हेतु 11वें वेतन समझौते पर जोर दिया। एआईबीए अध्यक्ष सीताराम यादव ने कर्मचारी अधिकारी एकता पर जोर देते हुए कहा कि हमारी यूनियन और सरकार के बीच सीधी वार्ता होनी चाहिए। ऑफिसर एसोसिएशन बलरामपुर प्रमुख वकील यादव ने स्केल 7 के अधिकारियों को 11वे बाइपर टाइप शामिल करते हुए उनके लिए भी कार्य के घंटे निर्धारित करने की मांग की। इसके अलावा उन्होनेें बैंक शाखाओं में आधार बनाने आउटसोर्सिंग कार्य पर भी कड़ा विरोध किया। मनीष श्रीवास्तव ने कहा की सभी शाखाओं में 3-6 हजार रूपए प्रतिमाह कार्य करने वालों को तत्काल समायोजित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि मांगे हमारी नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। जिसमें शाखा एटीएम ऑनलाइन बैंकिंग समेत सभी सेवाओं को ठप कर दिया जाएगा।
हड़ताल के चलते उपभोक्ता रहे हल्कान अपनी मांगोे को लेकर बैंक कर्मचारी दो दिन से हड़ताल पर है। बैंक कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से राजस्व को चूना तो लग ही रहा वही उपभोक्ता भी हल्कान रहे है। गन्ने की खेती का मुख्य समय होने के कारण किसानों को भी बैंक के हड़ताल के आगे निराश देखा गया। एक अनुमान के अनुसार बैंक कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से लगभग 150 करोड़ रूपए के टर्नओवर पर असर पड़ा है।