क्लिन्कर से दो तिहाई आबादी प्रदूषण की चपेट में, प्रभावित लोगों में आक्रोश
बलरामपुर के रास्ते नेपाल जाने वाली क्लिन्कर ने भारी तबाही मचा रखी है।

बलरामपुर. बलरामपुर के रास्ते नेपाल जाने वाली क्लिन्कर ने भारी तबाही मचा रखी है। नगर क्षेत्र के आस-पास के आधा दर्जन गांवों और तुलसीपुर कस्बे की दो तिहाई आबादी प्रदूषण की तबाही से जूझ रही है। जिला प्रशासन की अनदेखी को लेकर प्रदूषण से प्रभावित लोगों में काफी आक्रोश फैल रहा है।
सीमेन्ट बनाने में प्रयुक्त किया जाने वाला कच्चामाल क्लिन्कर बलरामपुर और तुलसीपुर रेलवे स्टेशनो पर उतारा जा रहा है। फिर यहां से इसे ट्रकों में लादकर बढ़नी के रास्ते नेपाल भेजा जाता है। प्रतिदिन सैकड़ों ट्रकें इन रेलवे स्टेशने से क्लिन्कर लेकर नेपाल जाती है। रेलवे ट्रैक पर लोडिंग अनलोडिंग के समय बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलता है। क्लिन्कर के डस्ट आबादी वाले क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर तबाही मच रही है। जिला मुख्यालय के एक दर्जन गांव और तुलसीपुर नगर क्षेत्र की दो तिहाई आबादी इससे बुरी तरह से प्रभावित हैं। लोगों ने जिला प्रशासन से कई बार इसकी शिकायत की लेकिन सुनवाई न होने पर आक्रोशित लोगों ने रेलवे ट्रैक पर क्लिन्कर न उतारने देने की चेतावनी दी है।
उच्च न्यायालय की लखनऊ बेन्च भी क्लिन्कर से होने वाली तबाही को देखते हुये प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड को सख्त चेतावनी दे चुका है लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश का भी कोई असर नहीं दिखाई पड़ रहा है। हालांकि डीएम ने मामले की गम्भीरता को देखते हुये एसडीएम सदर को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। गौरतलब बात यह भी है कि यह क्लिन्कर बढ़नी के रास्ते नेपाल ले जायी जाती है लेकिन इसे बढ़नी से लगभग 50 और 80 किलोमीटर दूर तुलसीपुर और बलरामपुर रेलवे स्टेशनों पर क्यों उतारा जा रहा है जबकि बढ़नी खुद में रलवे स्टेशन है और उसके आस-पास भी कई रेलवे स्टेशन हैं। बहरहाल नेपल जाने वाला क्लिन्कर स्थानीय लोगों के लिये तबाही का कारण बना हुआ है।
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