इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी
17 वर्षीय स्वराज सिंह ने अभी इन्टरमीडिएट की परीक्षा दी थी। इसके पिता रामदेव सिंह एक इन्टरकालेज में चपरासी के पद पर कार्यरत हैं। कुछ वर्षों से रामदेव सिंह अपने परिवार के साथ कोतवाली नगर क्षेत्र के नईबस्ती मोहल्ले में आकर रहने लगे थे। इन्टरमीडिएट में पढ़ाई करते हुए स्वराज सिंह भी कुछ ऐसे लोगों की संगत में आ गया जो जरायम की दुनिया में कदम रख चुके हैं। जरायम का शौक रखने वाले युवाओं के दो गुटों के बीच छिड़ी जंग में स्वराज को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आई कि 30 मार्च की रात स्वराज को उसके घर से बुलाकर ले जाने के बाद मेजर चौराहे पर कुछ युवको ने उसकी बेरहमी से पिटाई की और उसे अगवाकर ले गए। बाइक सवार आधा दर्जन से ज्यादा युवक स्वराज को जिला मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर बेलवा सुल्तानजोत गाँव के पास लेकर पहुँचे और राप्ती नदी के किनारे फिर उसकी पिटाई की। पिटाई से मरणासन्न हो चुके स्वराज सिंह की गला दबाकर हत्या कर दी गई, उसके बाद भी इन बेरहम हत्यारों का मन नहीं पसीजा। स्वराज के शव पर पेट्रोल डालकर उसकी बाइक समेत फूँक दिया गया।
यह सनसनीखेज वारदात पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी। 02 अप्रैल को अपराधियों की धरपकड़ में जुटी पुलिस ने इस हत्याकाण्ड में शामिल एक बदमाश लवकुश शुक्ला को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया। इस मुठभेड़ में जहाँ अभियुक्त लवकुश शुक्ला के पैर में गोली लगी तो वहीं देहात के थानाध्यक्ष संजय कुमार भी घायल हो गए। इस दौरान पुलिस ने घटना में शामिल तीन अभियुक्तों पर 20-20 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया। टीम बनाकर अभियुक्तों की गिरफ्तारी में जुटी पुलिस ने घटना में शामिल तीन ईनामी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस जघन्य हत्याकाण्ड में शामिल कुछ अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस अभी भी जुटी हुई है। लेकिन जरायम की दुनिया के प्रति आकर्षित हो रहे युवाओं की पौध को रोकना भी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है।