scriptविधानसभा चुनाव को लेकर बलरामपुर में बढ़ी सरगर्मी | History and predictions of election in Balrampur ahead of mission 2017 | Patrika News

विधानसभा चुनाव को लेकर बलरामपुर में बढ़ी सरगर्मी

locationबलरामपुरPublished: May 01, 2016 05:53:00 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

देश की चोटी की राजनीति करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री पं0 अटल बिहारी वाजपेयी, कांग्रेस नेता सुभद्रा जोशी व प्रख्यात समाजसेवी नाना जी देखमुख की कर्मस्थली बलरामपुर में एक बार फिर विधानसभा चुनाव का डंका बजा चुके हैं।

UP Election 2017

UP Election 2017

अविनाश त्रिपाठी.
बलरामपुर.
देश की चोटी की राजनीति करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री पं0 अटल बिहारी वाजपेयी, कांग्रेस नेता सुभद्रा जोशी व प्रख्यात समाजसेवी नाना जी देखमुख की कर्मस्थली बलरामपुर में एक बार फिर विधानसभा चुनाव का डंका बजा चुके हैं। जहाॅ एक ओर संभावित उम्मदीवार अपना टिकट पक्का कराने के लिए पार्टी शीर्ष नेताओं की गणेश परिक्रमा शुरू कर चुके हैं वहीं दूसरी ओर जनता के बीच में अपनी पैठ बनाने के लिए चिलचिलाती धूप में भी लोग मतदाताओं की चौखट पर मत्था टेक रहें हैं।

बलरामपुर जिले में सबसे दिलचस्प नजारा इस बार गैंसड़ी विधानसभा में दिख रहा है जहां से सूबे के जन्तु उद्यान एवं स्वास्थ्य चिकित्सा राज्यमंत्री डा0 शिव प्रताप यादव विधायक हैं। यहीं से गत जिला पंचायत चुनाव और ब्लाक प्रमुख चुनाव में नई राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरे युवा समाजसेवी डा0 अनुराग यादव न सिर्फ अपनी प्रबल दावेदारी ठोक रहें हैं बल्कि राज्यमंत्री को राजनैतिक समाजिक क्षेत्र में खुली चुनौती भी दे रहें हैं।

भारत-नेपाल की अन्तराष्ट्रीय सीमा पर बसा बलरामपुर जिला राजनीति के क्षेत्र में हमेशा सुर्खियों में रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री पं0 अटल बिहारी वाजपेयी, सुभद्रा जोशी, बैरिस्टर हैदर हुसैन रिजवी व नाना जी देखमुख जैसे समाजसेवी ने अपनी राजनैतिक पाठशाला की शुरूआत बलरामपुर जिले से ही की थी। वर्तमान समय में बलरामपुर जिले में 04 विधानसभाऐं, बलरामपुर सदर, तुलसीपुर, गैंसड़ी व उतरौला है। इन चारों विधानसभाओं पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है। बलरामपुर सदर से जगराम पसवान, तुलसीपुर से मसूद खाॅं, गैंसड़ी से डा0 शिव प्रताप यादव व उतरौला से आरिफ अनवर हाशमी विधायक हैं।

2012 के विधानसभा चुनाव में बलरामपुर सदर सीट से भाजपा के उम्मीदवार रहे पूर्व मंत्री रमापती शास्त्री को सपा उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भी चर्चा है कि पूर्व मंत्री रमापती शास्त्री एक बार फिर मैदान में आ सकते हैं, वहीं मौजूदा विधायक जगराम पासवान के ऊपर सपा नेतृत्व की तलवार लटकती दिख रही है।

अपनी दंबगई को लेकर हमेशा चर्चा में रहने व पार्टी की साख को प्रभावित करने वाले विधायक जगराम पासवान का टिकट कटने की पूर्ण सम्भावना हैं। यहाॅ से बसपा से पूर्व विधायक रामसागर अकेला, राजाराम गौतम भाजपा से अंगद सरन गौतम, जसवन्त सोनकर सपा से हाईकोर्ट लखनऊ की अधिवक्ता बबिता आर्या अपनी दावेदारी ठोक रहीं है।

तुलसीपुर विधानसभा से बसपा उम्मीदवार पूर्व बाहुबली संसाद रिजवान जहीर के भाई नौमान जहीर को सपा के मसूद खाॅ से हार का सामना करना पड़ा था, इस बार तुलसीपुर विधानसभा से बसपा ने कानपुर के व्यापारी के0के0सचान को प्रभारी बनाया है हालाकि पार्टी सूत्रों की माने तो अभी उनका टिकट कट सकता है। यहाॅ से युवा भाजपा नेता व एम0एल0के0 कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजेश्वर मिश्रा पूर्व विधायक कमलेश सिंह, कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य दीपांकर सिंह भी टिकट के लिए जोर-शोर से लगे है।

सबसे दिलचस्प नजारा गैसड़ी विधानसभा में दिख रहा है। यहां से उत्तर प्रदेश शासन के राज्यमंत्री व लखनऊ के प्रभारी मंत्री डाॅ. शिव प्रताप यादव विधायक हैं। क्षेत्र में इनके प्रमुख प्रतिद्वंदी डाॅ. अनुराग यादव खुली चुनौती दे रहे हैं। अभी जिला पंचायत के चुनाव में इसी विधानसभा क्षेत्र की तीन जिला पंचायत सीट गौरा बगनहा से अनुराग के पिता साधूराम यादव ने राज्यमंत्री की पुत्रवधू को चुनाव हराया है। रतनपुर क्षेत्र से अनुराग की मां शांति देवी ने राज्यमंत्री की पत्नी मिथलेश को चुनाव में हराया जबकि जरवा बनगाई जिला पंचायत क्षेत्र से अनुराग के भाई संतोष कुमार ने राज्यमंत्री के पुत्र राकेश यादव को भारी अंतर से चुनाव में हराया है।

तीनों सीटों पर जीत के पीछे अनुराग यादव की अहम भूमिका थी। यह जीत अनुराग का शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है। यहां से बसपा से पूर्व विधायक अलाउद्दीन खां प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो पूर्व विधायक अलाउद्दीन की जगह बसपा सुप्रीमो अनुराग को अपना प्रत्याशी बना सकती हैं। भाजपा से लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शैलेष कुमार सिंह शैलू यहां से पिछला चुनाव लड़ चुके हैं। शैलू को तीसरे नंबर पर रहकर हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भी वह टिकट के लिए भाजपा के प्रमुख दावेदारों में से एक हैं।

उतरौला विधानसभा से आरिफ अनवर हाशमी विधायक हैं। मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा होने के बावजूद भी हाशमी अपने निकटतम प्रतिद्वंदीे बसपा के पूर्व विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह धीरू से मामूली वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इस बार धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने पाला बदलकर भाजपा से अपनी दावेदारी मजबूत कर रहे हैं। बसपा ने यहां से पूर्व विधायक डाॅ. मोहम्मद उमर के बेटे परवेज अहमद को प्रभारी घोषित किया है। इस विधानसभा से पीस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. अब्दुल मन्नान भी चुनाव लडे़ हैं। जिन्हें पिछले विधानसभा में करीब 25 हजार मत मिले थे।

इस बार भी उनका चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। इस विधानसभा से पूर्व विधायक अनवर महमूद भी कई दलों में अपना टिकट पक्का कराने में लगे हुए हैं। बहरहाल विधानसभा चुनाव होने में अभी अच्छा खासा समय है लेकिन अपनी दावेदारी मजबूत करने एवं अपना टिकट पक्का कराने की बैचेनी नेताओं में साफ दिख रही हैं। बलरामपुर की खस्ताहाल सड़के, ध्वस्त चिकित्सा व्यवस्था, बिजली, पानी की समस्या को लोग प्रमुख मुद्दा बना रहे हैं। आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की स्थिति साफ होगी। फिलहाल चुनावी सरगर्मी गर्मी के बढ़े तापमान से ज्यादा दिख रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो