योगी सरकार के लाख प्रयास के बाद भी यूपी के बलरामपुर अवैध खनन रूकने का नाम नहीं ले रहा है। खनन माफिया प्रशासन के नाक के नीचे अवैध बालू खनन में लिप्त हैं। पुलिस और प्रशासनिक मिलीभगत से खनन माफिया सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना भी लगा रहे हैं। जिले के एक दर्जन से अधिक पहाड़ी नालों सहित राप्ती नदी में भी खनन माफिया के गुर्गे रात से लेकर भोर पहर तक अवैध रूप से बालू का खनन कर रहे है।
जिला प्रशासन ने खैरहनिया नाले के दो स्थानों पर खनन का पट्आ दिया है लेकिन इन्ही पट्टों के नाम पर वहां कम खनन कर खैरहनिया, सिरिया, धोबैनिया, जमधरा, खरझार, हेंगहा, गौरईया, भांभर पहाड़ी नालों सहित राप्ती नदी में कई स्थानों पर अवैध खनन जारी है। महाराजगंज तराई, हर्रैया, ललिया, तुलसीपुर व पचपेड़वा थाना क्षेत्रों के इन स्थानों पर डायल 100 व खनन विभाग की मिली भगत से खनन माफिया अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं।
मीडिया में जब खबरें आती तो खानापूर्ति के लिए जिला प्रशासन विभिन्न स्थानों पर अभियान चलाकर अवैध बालू से लदी टैक्टर टालियों को थानों में लाकर सीज कर देता है और मामूली पेनाल्टी लेकर छोड़ देता है। बीते दो दिनों में जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए कोतवाली नगर, थाना देहात, हर्रैया व महाराजगंज तराई थान क्षेत्रों में अभियान चलाकर अवैध बालू लदी 20 टैक्टर टालियों को सीज किया है। जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी खनन माफियाओं पर लगाम नहीं लग पा रहा और जिले में रातों रात अवैध खनन धडल्ले से जारी है।