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नवरात्र विशेष : 51 शक्तिपीठ में से एक है देवीपाटन मंदिर, नवरात्री में देश विदेश से आते हैं श्रद्धालु

locationबलरामपुरPublished: Apr 14, 2021 07:42:46 am

Submitted by:

Neeraj Patel

माता सती का यहां वाम स्कंध गिरा था और श्रद्धालु मां के दर्शन करने पहुंच रहे।

Devipatan Temple

Importance of Devipatan Temple

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
बलरामपुर. 51 शक्तिपीठों में से एक मां देवीपाटन शक्तिपीठ माता सती के वाम स्कंध गिरने के कारण यह स्थल सिद्ध पीठ बना। चैत्र नवरात्रि में यहां देश विदेश से श्रद्धालु मनोकामना के लिए दर्शन करने आते है। चैत्र नवरात्र में हरसाल मंदिर प्रांगण में एक माह तक चलने वाले भव्य मेले का आयोजन भी होता है। वहीं शारदीय नवरात्रि में नौ दिन तक मां भगवती की विशेष पूजन अर्चन की जाती है। भारत नेपाल सीमा की निकटता तथा उभय राष्ट्रों की धार्मिक एक रूपता के कारण यह पावन स्थल दोनों ही देशो के करोड़ो श्रद्वालुओ की धार्मिक एवं सांस्कृतिक एक रूपता को भी परिलक्षित करता है। सामान्यतया अश्विन तथा चैत्र नवरात्र पर्व पर यह पीठ अनुष्ठान की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। चैत्र नवरात्र पर्व का शुभांरभ के साथ एक माह के मेले की भी शुरूआत हो जाती है। जिससे एक माह तक तुलसीपुर नगर सहित आसपास का क्षेत्र श्रद्वालुओं का केन्द्र बना बना रहता है।

स्कंद पुराण के अनुसार प्रजापति दक्ष के यज्ञ कुण्ड में माता सती ने भगवान शिव के अपमान से आहत होकर प्रवेश कर अपने शरीर का त्याग कर दिया। यह समाचार सुनकर भगवान शिव यज्ञ स्थान पर पहुंचे। व्यथित शिव ने अपने कन्धे पर माता सती का शरीर रखकर इधर उधर घूमना शुरू कर दिया। इससे सृष्टि के संचालन में बाधा उत्पन्न होने लगी। देवताओं के आवाह्न पर भगवान विष्णु ने अपने चक्र से माता सती के शरीर को काटकर गिराना शुरू किया। जिन 51 स्थानों पर सती के अंग गिरे वह सभी शक्तिपीठ कहलाए। देवीपाटन में सती का वाम स्कंध पट सहित गिरा जिससे यह स्थल सिद्धपीठ देवीपाटन के रूप में विख्यात हुआ।

इसकी एक मान्यता यह भी है कि माता सीता ने इस स्थल पर पाताल प्रवेश किया था। इस कारण पहले यह पातालेश्वरी कहलाया और बाद में यह पाटेश्वरी हो गया लेकिन सती प्रकरण ही अधिक प्रमाणिक है और शक्ति के आराधना स्थल होने के कारण यह शक्तिपीठ प्रसिद्ध है। नाथ सम्प्रदाय की व्यवस्था में होने के कारण ही सती प्रकरण की पुष्टि होती है क्योंकि भगवान शंकर स्वरूप गोरखनाथ ने भव्य मंदिरों का निर्माण कराया। शारदीय नवरात्रि में भी यहां देश विदेश के भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ता है।

देवीपाटन की सुरक्षा काफी संवेदनशील

सिटी एसपी हेमंत कुटियाल ने पाटेश्वरी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। नेपाल सीमा के नजदीक और चुनावी वर्ष होने के कारण शक्तिपीठ देवीपाटन की सुरक्षा काफी संवेदनशील हो जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही इस शक्तिपीठ के पीठाधीश्वर भी है इसलिए इस मन्दिर की सुरक्षा और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। एसपी ने कहा कि श्रद्धालुओ को कोई असुविधा न हो और दर्शन के पश्चात श्रद्दालुओं की सकुशल वापसी हमारा दायित्व है। कोट-शक्तिपीठ देवीपाटन में वर्ष में कई बड़े कार्यक्रम होते है जिसमें लाखों लोगों की भीड उमड़ती है। उन्होंने कहा कि मन्दिर की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा मुख्यालय की सहायता से सुरक्षा संचालन सिद्धान्त (सेक्यूरिटी आपरेटिंग प्रिन्सपल्स) को संशोधित किया जा रहा है। एसपी ने कहा कि यहां की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा भी मिले और सुरक्षा भी।

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