पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के चलते राप्ती नदी का जल स्तर भी तेजी से बढ़ा है।
इससे तटवर्ती गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में दावा किया जा रहा था कि सभी तैयारियां पूरी है लेकिन जिले में जमीन हकीकत कुछ और ही बयां करती है।
वर्षो से क्षतिग्रस्त पड़े चंदापुर बांध इस वर्ष भी जिला प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहा है।
जिस कारण से कई गांवों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा है।