जानकारी के अनुसार बीती देर रात तेज हवाओं के साथ अचानक ओलावृष्टि शुरू हो गई। ओलावृष्टि के बाद तेज बारिश शुरू हुई जिससे गली मोहल्लों में जगह-जगह पानी भरने से जलभराव की स्थिति पैदा हो गई। देर रात गिर रहे ओलों की आवाज से ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कहीं से पथराव किया जा रहा हो। ओलों की साइज मध्यम साइज के आलू के बराबर थी । गनीमत यह रही कि ओलावृष्टि का समय रात्रि का था जिससे बाहर लोग नहीं निकले थे, अन्यथा इतने बड़े ओले गिरने के बाद काफी भयावह स्थिति पैदा हो सकती थी । ओलावृष्टि से जन जीवन को तो नुकसान नहीं पहुंचा परंतु फसलों तथा सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचा है। आम की फसल इस समय चारों तरफ लगी हुई है और आंधी तथा पानी के साथ ओलावृष्टि से भारी मात्रा में आम टूट कर नीचे गिर गए इसके अलावा जो आम पेड़ पर लगे हैंं उनमें से जिन आमों के ऊपर ओला गिरा होगा एक-दो दिन बाद उन आमो के रंग बदलने शुरू हो जाएंगे।
बागवानों का कहना है कि ओला गिरने से काफी मात्रा में आम को नुकसान होने की संभावना है, वही सब्जी की खेती कर रहे किसानों का कहना है कि उनकी सब्जी के पौधों पर ओले से काफी नुकसान हुआ है। पत्ते टूट गए हैं तथा लगी हुई सब्जियों पर भी ओलों का असर पड़ा है। कुल मिलाकर ओलावृष्टि से किसान को काफी नुकसान होने की संभावना है। भले ही मौसम विभाग ने पूर्व से चेतावनी दी थी, परंतु खेतों में लगी फसल को दैवीय आपदा से बचाना मुमकिन नहीं होता है। सतर्कता से केवल जनजीवन को ही बचाया जा सकता है।