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लॉकडाउनः पत्नी के शव को नहीं दिया किसी ने कंधा, तो कर्ज लेकर अंतिम संस्कार के लिए पति आया 1137 किमी दूर

locationबलरामपुरPublished: May 05, 2020 10:22:33 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

लुधियाना में मजदूरी कर रहे बलरामपुर निवासी की गर्भवती पत्नी की इलाज के दौरान मौत हो गयी, लेकिन इससे भी दर्दनाक बात यह रही कि कोरोना महामारी के बीच वहां उसकी पत्नी के शव को कंधा देने से हर किसी ने मना कर दिया।

Husband

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बलरामपुर. लुधियाना में मजदूरी कर रहे बलरामपुर निवासी की गर्भवती पत्नी की इलाज के दौरान मौत हो गयी, लेकिन इससे भी दर्दनाक बात यह रही कि कोरोना महामारी के बीच वहां उसकी पत्नी के शव को कंधा देने से हर किसी ने मना कर दिया। मजबूरन पति को 27 हजार रुपये कर्ज लेकर एम्बुलेंस से अपनी पत्नी के शव को 1137 किलोमीटर दूर अपने पैतृक गाँव बलरामपुर लाना पड़ा, जहां उसका दाह संस्कार हुआ। प्रशासन ने युवक और उसके तीन बच्चों को गाँव में बनाये गए क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया गया है।
चार दिन बाद मिला पत्नी का शव

घटना हर्रैया थानाक्षेत्र के कठौवा गांव की है। युवक दद्दन अपनी पत्नी और तीन छोटे बच्चों के साथ लुधियाना में रहकर मजदूरी करता था। 26 अप्रैल को गर्भवती पत्नी की तबियत खराब होने पर वह उसे अस्पताल ले गया जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं कोरोना जाँच रिपोर्ट आने तक अस्पताल ने पत्नी के शव को देने से इनकार कर दिया। चार दिनों तक दद्दन अपने मासूम बच्चों को लेकर घर और अस्पताल में भटकता रहा। आखिरकार कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने पत्नी गीता का शव उसे सौंप दिया।
लोगों ने कंधा देने से किया इंकार-

लॉकडाउन के बाद आर्थिक तंगी से जूझ रहे दद्दन ने पहले शव का अंतिम संस्कार लुधियाना में ही करना चाहा, लेकिन पड़ोसियों ने कोरोना और लॉकडाउन के कारण अन्तिम संस्कार में शामिल होने से साफ मना कर दिया। दद्दन को अपनी पत्नी के शव को कंधा देने के लिये जब चार लोग भी नहीं मिले, तो उसने लोगों से 27 हजार रुपये कर्ज लिया और एम्बुलेन्स करके अपनी पत्नी के शव को लेकर 1137 किलोमीटर दूर अपने गाँव कठौवा पहुँचा। यह देख पूरा गांव शोक में डूब गया। दद्दन की पत्नी के शव का दाह संस्कार होने के बाद ग्राम प्रधान और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दद्दन और उसके तीन मासूम बच्चों को गाँव में बने क्वारेटाइन सेंटर में भेज दिया है।
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