चार दिन बाद मिला पत्नी का शव घटना हर्रैया थानाक्षेत्र के कठौवा गांव की है। युवक दद्दन अपनी पत्नी और तीन छोटे बच्चों के साथ लुधियाना में रहकर मजदूरी करता था। 26 अप्रैल को गर्भवती पत्नी की तबियत खराब होने पर वह उसे अस्पताल ले गया जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं कोरोना जाँच रिपोर्ट आने तक अस्पताल ने पत्नी के शव को देने से इनकार कर दिया। चार दिनों तक दद्दन अपने मासूम बच्चों को लेकर घर और अस्पताल में भटकता रहा। आखिरकार कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने पत्नी गीता का शव उसे सौंप दिया।
लोगों ने कंधा देने से किया इंकार- लॉकडाउन के बाद आर्थिक तंगी से जूझ रहे दद्दन ने पहले शव का अंतिम संस्कार लुधियाना में ही करना चाहा, लेकिन पड़ोसियों ने कोरोना और लॉकडाउन के कारण अन्तिम संस्कार में शामिल होने से साफ मना कर दिया। दद्दन को अपनी पत्नी के शव को कंधा देने के लिये जब चार लोग भी नहीं मिले, तो उसने लोगों से 27 हजार रुपये कर्ज लिया और एम्बुलेन्स करके अपनी पत्नी के शव को लेकर 1137 किलोमीटर दूर अपने गाँव कठौवा पहुँचा। यह देख पूरा गांव शोक में डूब गया। दद्दन की पत्नी के शव का दाह संस्कार होने के बाद ग्राम प्रधान और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दद्दन और उसके तीन मासूम बच्चों को गाँव में बने क्वारेटाइन सेंटर में भेज दिया है।