विगत वर्ष अल्पसंख्यक आयोग के तीन सदस्यों की टीम ने भी यहाँ के मदरसों का जायजा लिया था, जिसमें तमाम खामियां पायी गयी थी। मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत सरकार ने इन मदरसों में भारी भरकम अनुदान राशि दी थी ताकि मदरसों में पढ़ने वाले छात्र आधुनिक शिक्षा के साथ आगे बढ़ सके। इन मदरसों में माँडल सब्जेक्ट के लिये भी अनुदान दिये गये थे। लेकिन लगातार शिकायतों के बाद शासन के निर्देश पर जाँच शुरु की गयी, तो एक के बाद एक फर्जीवाडा सामने आया। 238 मदरसों के सत्यापन में 71 मदरसे फर्जी पाये गये। सीडीओ की जाँच रिपोर्ट पर डीएम ने सभी 71 मदरसों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
इस पूरे मामले में अल्पसंख्यक विभाग कटघरे में खडा है। डीएम ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी केस दर्ज करने का आदेश दिया है। जिले में 614 मदरसे पंजीकृत हैं। बड़े पैमाने पर फर्जीवाडे को देखते हुये डीएम ने अवशेष बचे 376 अन्य मदरसों के सत्यापन का निर्देश सीडीओ को दिया है। फर्जी पाये गये मदरसों से अनुदानित राशि की रिकवरी किये जाने की तैयारी भी शुरु कर दी गयी है। फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद से पूरे महकमें में हड़कम्प मचा हुआ है।