…तो इसलिए ऐन वक्त पर बदले मायावती के सुर, करने लगीं कांग्रेस को जिताने की अपील, यह हैं 5 बड़े कारण
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि आजादी के बाद देश में सबसे अधिक समय तक कांग्रेस पार्टी की सरकार रही है। कांग्रेस ने सिर्फ दलितों, पिछड़ों, गरीबों, आदिवासियों का शोषण किया है। उन्होंने कहा कि जब बाबा भीमराव अंबेडकर कानून मंत्री थे तो उन्होंने नेहरू जी से कहा था कि संविधान में जो अधिकार दलितों, पिछडों, गरीबों को दिये गये हैं, वह उन्हें नहीं मिल रहे हैं। बाबा साहेब की बात की अनदेखी जब नेहरू ने की तो उन्होंने दलितों की लड़ाई के लिए अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।मायावती ने कहा कि आज फिर समय आ गया है अपनी ताकत दिखाने का और एक साथ मिलकर चलने का। यह मत देखिए कि सामने हाथी है या साइकिल, अपने अधिकारों को पाने के लिए बस गठबंधन प्रत्याशी को ही वोट करके उसे दिल्ली तक भेजने का काम करिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अच्छे दिन के जो वादे किए थे उसका एक चौथाई भी पूरा नहीं हुआ। नरेंद्र मोदी धन्ना सेठों के चौकीदार हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। रक्षा सौदे भी अछूते नहीं हैं। पीएम मोदी के कार्यकाल में देश की सीमाएं भी सुरक्षित नहीं हैं। मायावती ने कहा की बीजेपी के लोग शहीदों की शहादत को भुनाने में लगे हैं।
श्रावस्ती लोकसभा प्रत्याशी राम शिरोमणि वर्मा के पक्ष में वोट मांगते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि राम शिरोमणि वर्मा बहुत ही सरल स्वभाव के हैं। अंबेडकर नगर से ब्राहमण प्रत्याशी को खड़ा करने बाद इन्हें श्रावस्ती लोकसभा से प्रत्याशी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में दलित, कुर्मी, मुसलमान बड़ी संख्या में वोटर हैं। इन जातिगत वोटों को जोड़कर रामशिरोमणि वर्मा को बसपा ने प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने ब्राह्मण, क्षत्रिय सहित अन्य लोगों का जिक्र किए बिना ही जातीय समीकरण बैठा दिया।