उन्होंने बताया कि खेतों में अवशेष जलाने की लगातार दो घटनाएं होने की दशा में संबंधित कृषक को सरकार द्वारा दिए जाने वाले अनुदान आदि रोक दिए जाने के निर्देश एनजीटी द्वारा दिए गए हैं। प्रदेश में फसलों की कटाई में कंबाइन या किसी प्रकार मशीन से कटाई करने वाले मालिकों के विरुद्ध दंड भी निर्धारित किए गए हैं। ऐसी स्थिति में धान तथा गन्ने की पराली ना जलाएं। ना मानने वाले 30 किसानों के खिलाफ कार्यवाही की गई है और जुर्माना भी वसूला गया है। सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से कहा गया है कि आपके क्षेत्र में कहीं भी कोई किसान धान या गन्ने की पराली जलाता हैं तो तत्काल इसकी सूचना दे और सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा और ₹1000 का इनाम उस व्यक्ति को प्रदान किया जाएगा। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी का योगदान चाहिए तभी क्षेत्रों में प्रभावित होगा । पुलिस क्षेत्राधिकारी शिवप्रसाद ने कहा कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्री की बहुत बड़ा योगदान क्षेत्र में रहता है और गांव में किसी भी किसान गन्ने का पत्ता व धान की पराली जलाता है तो हमारे ही परिवार में तमाम प्रकार की बीमारियां उसके वायु प्रदूषण से फैल जाती है। सभी लोग हमारा और एसडीएम का नंबर नोट कर ले। ऐसी कहीं भी घटना होती है तो तत्काल सूचना दें। हम लोग फौरन उस स्थान पर पहुंचकर उस किसान के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी क्योंकि अभी तक क्षेत्र में जागरूकता की कमी थी इसीलिए यह बैठक आज आयोजित की गई है।