अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व आर.सी.एच के नोडल अफसर डा. बी.पी. सिंह ने मंगलवार को बताया कि कोविड-19 महामारी में भी जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए समाज को जागरूक करने के साथ-साथ परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति प्रदान करना है। इस वर्ष 11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस 2020 की थीम रखी गई है। आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी। उन्होंने बताया कि पखवाड़े के दौरान जनसाधारण को संवेदीकृत किए जाने के लिए आईईसी मटीरियल के द्वारा विभिन्न स्तरों पर व्यापक व सघन प्रचार-प्रसार किया जाएगा। जिले में 27 जून से दम्पत्ति सम्पर्क पखवाड़ा चल रहा है जो कि 10 जुलाई तक चलेगा। इसके बाद 11 से 31 जुलाई तक सेवा प्रदायगी जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जायेगा। सामाजिक एवं व्यक्तिगत दूरी को ध्यान में रखते हुए परिवार नियोजन पर व्यापक रूप से प्रचार प्रसार के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का भी उपयोग किया जाएगा।
आयोजित होंगी विभिन्न गतिविधियां
परिवार नियोजन के विभिन्न स्थायी एवं अस्थायी साधनों (बास्केट ऑफ चॉइस) के बारे में लाभार्थियों को परामर्श दिया जाएगा। सार्वजानिक स्थानों एवं सभी स्वास्थ्य सुविधाओं पर परिवार नियोजन से सम्बंधित पोस्टर्स व बैनर लगाए जाएंगे एवं दीवार लेखन किया जाएगा। पखवाड़े के दौरान लाभार्थियों को गर्भ निरोधक इंजेक्शन अन्तरा तथा प्रसव पश्चात आईयू सीडी सेवाओं को स्वीकार करने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया जायेगा। सभी स्वास्थ्य सुविधाओं पर परिवार नियोजन के सभी साधन मुफ्त में उपलब्ध रहेंगे। समुदाय में इनका वितरण कन्टेनमेंट एवं बफर जोन को छोड़कर अन्य सभी जगह कोविड प्रोटोकॉल के साथ में किया जाएगा। जिला एवं ब्लाक स्वास्थ्य सुविधा इकाइयों पर लगे हुए कॉन्डोम बॉक्स को प्रतिदिन विसंक्रमित किया जाएगा। लाभार्थियों को बार-बार स्वास्थ्य केंद्र ना आना पड़े इसके लिए कम से कम 2 महीने के लिए कंडोम बॉक्सेस तथा ओरल गर्भनिरोधक गोली उन्हें उपलब्ध करायी जायेेगी। नसबंदी के लिए पहले से ही लाभार्थियों का पंजीकरण किया जाएगा। ऐसी फंक्शनल स्वास्थ्य सुविधाएं जहां, ऑपरेशन थिएटर (ओटी है) वही पर कोरोना इन्फेक्शन से बचाव के प्रोटोकॉल के साथ नियत सेवा दिवस (एफडीएस) सम्पादित किया जायेगा।
ऐसे दें प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा
प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर विभिन्न साधान उपलब्ध हैं। गर्भनिरोध के आधुनिक साधनों में महिला एवं पुरूष नसबंदी, गर्भनिरोधक गोलियां, आईयूडी व पीपीआईयूडी (काॅपर-टी) गर्भनिरोधक इंजेक्शन, कंडोम, और गर्भनिरोध के आपात उपाय शामिल हैं। हम इन्हे अपनाकर बच्चों में अंतर रखने के साथ साथ कई यौन जनित बीमारियों से भी बच सकते हैं।
लाभार्थी को मिलती है प्रोत्साहन राशि
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ तुलसीदास तिवारी ने बताया कि प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में परिवार नियोजन की बहुत अधिक भूमिका है। इसी के साथ इसमें लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है, जो इस प्रकार है-नसबंदी कराने वाले पुरूषों और महिलाओं को क्रमशः 3000 और 2000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा पोस्ट पार्टम स्टर्लाईजेशन (प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी) कराने वाली महिलाओं को 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जबकि अस्थायी विधियों में प्रसव पश्चात आईयूसीडी एवं गर्भपात (स्वतः व सर्जिकल इल) उपरांत आईयूसीडी, जिसको सरल भाषा में कॉपर-टी कहा जाता है के लिए लाभार्थी को 300 (2 फॉलोअप पर), अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर 100 रुपये प्रति डोज की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।