बलरामपुर

131 अध्यापक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर रहे नौकरी, 9 अध्यापकों से होगी रिकवरी

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे 9 अध्यापकों से रिकवरी होगी।

बलरामपुरJun 13, 2018 / 08:10 am

Mahendra Pratap

131 अध्यापक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर रहे नौकरी, 9 अध्यापकों से होगी रिकवरी

बलरामपुर. जिले में कूट रचित तरीके से फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों पर पूर्व बीएसए रमेश यादव ने शिंकजा कसना शुरू किया था। जांच के दौरान 131 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए थे। ऐसे सभी शिक्षकों पर तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेश यादव ने मुकदमा पंजीकृत कराने का आदेश पारित किया था।

कहा जाता है कि अध्यापक समाज का आईना होता है। बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले अध्यापक खुद ही अनैतिक रूप से नौकरी हासिल किए हों तो बच्चों को क्या सीख देंगे और ऐसे अध्यापकों से समाज में अच्छी सोच की कल्पना करना भी बेमानी होगी। जनपद बलरामपुर के लगभग 15 सौ प्राथमिक विद्यालयों में तैनात अध्यापकों में से अब तक 131 अध्यापक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करते चिन्हित किए गए। जिन की बर्खास्तगी की कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है और अब बर्खास्त अध्यापकों द्वारा वेतन व भत्ते के रूप में प्राप्त किए गए। सरकारी धन की रिकवरी की प्रक्रिया भी चालू कर दी गई है। बर्खास्त 131 अध्यापकों में से कुछ अध्यापक नए थे। जिनका अभी तक वेतन नहीं भेजा गया था तथा कुछ अध्यापक पुराने थे जो लाखों रुपए वेतन प्राप्त कर चुके थे। उन सभी से रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की गई है।

लम्बे समय से चल रहा शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का खेल

कहीं न कहीं शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की शिकायतें अरसे से आती रही है। जिसकी पुष्टि जनपद बलरामपुर में बर्खास्त अध्यापकों के रूप में भी हो रही है। सूत्रों की मानें तो अभी पुराने अध्यापक बड़ी संख्या में ऐसे हैं जो फर्जी अभिलेखों के आधार पर अपने सर्विस काल का काफी समय व्यतीत कर चुके है और ऐसे पदों पर पदासीन है जहां से कार्रवाई होने से रोक सके। ऐसे कई एनपीआरसी और बीआरसी बन कर शिक्षा विभाग को चूना लगा रह है। दर्जनों अध्यापक ऐसे हैं जो मृतक आश्रित या फिर विभिन्न के माध्यम से कूट रचित तरीके से फर्जी अभिलेखों के जरिए नौकरी हासिल किए हुए है। अभी तक मैनुअल डाटा होने के कारण फर्जीवाड़ा करने वाले अध्यापकों द्वारा सत्यापन जांच प्रक्रिया को प्रभावित की जाती रही है। परंतु अब ऑनलाइन व्यवस्था होने के चलते वेरिफिकेशन के दौरान फर्जीवाड़ा की संभावनाएं नहीं के बराबर हो गई है। यही कारण है कि वर्षों से फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे अध्यापकों की पहचान अब हो पा रही है।

जिम्मेदार के बोल

बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिहर प्रसाद तथा वित्त एवं लेखा अधिकारी अश्वनी कुमार जयसवाल ने बताया की सभी अध्यापकों की सूची तैयार कर ली गई है। जिनमें से 9 अध्यापकों के रिकवरी का डाटा भी तैयार हो चुका है तथा 2 अध्यापकों का कार्रवाई प्रोसेस में है। बर्खास्त अध्यापकों मे से 9 अध्यापकों से एक करोड़ 26 लाख 57 हजार रुपए रिकवरी करने की कार्रवाई शुरु कर दी गई है।

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