पीठाधीश्वर मिथिलेश नाथ योगी ने बताया कि श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। श्रद्धालु हाथ में ग्लब्स लगाकर ही प्रसाद चढ़ाएंगे।श्रद्धालुओं के मस्तक पर पुजारी द्वारा टीका लगाने पर रोक रहेगी। मंदिर में दर्शन करने का समय पूर्ववत रहेगा। सुबह चार बजे से सायं साढ़े तीन बजे तक, और शाम सात बजे से रात 10 बजे तक मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा किसी भी दशा में भीड़ नहीं होने दी जाएगी। मंदिर में प्रतिमाओं को स्पर्श करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एक तरफ से प्रवेश दूसरी तरफ से निकास की व्यवस्था ही बनाई गई है।