scriptअसहयोग आंदोलन के दौरान बलरामपुर पहुंचे थे गांधी जी, तत्कालीन महाराज ने भेंट की थी सहयोग राशि | untold story of mahatama gandhi from balrampur up hindi news | Patrika News
बलरामपुर

असहयोग आंदोलन के दौरान बलरामपुर पहुंचे थे गांधी जी, तत्कालीन महाराज ने भेंट की थी सहयोग राशि

पुराने दौर की बात है जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बलरामपुर आगमन हुआ था।

बलरामपुरOct 02, 2018 / 07:27 am

आकांक्षा सिंह

balrampur

असहयोग आंदोलन के दौरान बलरामपुर पहुंचे थे गांधी जी, तत्कालीन महाराज ने भेंट की थी सहयोग राशि

बलरामपुर. पुराने दौर की बात है जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बलरामपुर आगमन हुआ था। महात्मा गांधी को लोग देखने को आतुर थे। देश में अंग्रेजी हुकूमत का दौर था और भारत देश में अंग्रेजों का बोलबाला था। गांधी जी ने देश से अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए असहयोग आंदोलन चलाया। बात 1920 से 1929 के दौरान की है। महात्मा गांधी जी का जिले में आना हुआ। स्वागत में तत्कालीन महाराजा पाटेश्वरी प्रसाद सिंह ने गोंडा मार्ग पर कुआनों पुल के पास स्वागत किया था। उनके स्वागत में यूरोपियन गेस्ट हाउस (वर्तमान में माया होटल) को खद्दर से सजाया गया था और गांधी जी का बलरामपुर आने का एक मुख्य कारण अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई के लिए धन एकत्र करने का जिसके लिए गांधी जी ने देश में भ्रमण शुरू किया।

बलरामपुर के रहने वाले 90 वर्ष के तबारक अली के जेहन में वो यादें जिंदा हैं। वह कहते हैं उस समय कक्षा पांच में पढ़ते थे। स्कूल में ही बापूजी के आने की जानकारी दी गई थी। बताया कि पहले उनके आने की अनुमति तत्कालीन अंग्रेज अधिकारियों ने पहले नहीं दी थी। महात्मा गांधी का जिलें में आने का कार्यक्रम पहले नहीं था। गांधी जी का कार्यक्रम गोंडा जिले में लगा था। स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही मौलवी अहमद जमा खां व उनके साथियों को इसकी जानकारी हुई। मौलवी साहब ने गांधी जी को बलरामपुर लाने के लिए शहर वासियों से सहयोग मांगा लेकिन उनको सफलता नहीं मिली। तो मौलवी साहब ने महाराज बलरामपुर के दरबार में ये बात पहुंचाई। तत्कालीन महाराजा पाटेश्वरी प्रसाद सिंह ने कहा कि गांधी जी का जिले में जोरदार स्वागत ही नहीं बल्कि उनको सहयोग में धनराशि भी भेंट की जाएगी। राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष नामक किताब इसका जिक्र भी पाया गया कि महाराज व महारानी द्वारा महात्मा गांधी जी के स्वागत की कमान स्वयं संभाली थी। जिसमे दर्शाया गया है की महाराज ने चार व महारानी ने महिलाओं की तरफ से दो हजार रुपये की थैली भेंट की थी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो