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कोरोनाकाल में अनाथ हुए बच्चों के उच्च शिक्षा के सपनों को साकार करेगी सरकार, यूूं कर सकते हैं आवेदन

locationबलरामपुरPublished: Aug 10, 2021 09:19:07 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

कोरोना (Coronavirus in UP) काल में अनाथ हुए बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, देखरेख और पढ़ाई के लिए यूपी सरकार आगे आई है।

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बलरामपुर. कोरोना (Coronavirus in UP) काल में अनाथ हुए बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, देखरेख और पढ़ाई के लिए यूपी सरकार आगे आई है। इसके लिए सरकार ने शासनादेश भी जारी कर दिया है। इस योजना के तहत सरकार बच्चों ही नहीं 18 से 23 साल के श्रेणी में आने वाले किशोरों की उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक मदद करने जा रही है। शासनादेश जारी होने के बाद जिला प्रशासन ऐसे बच्चों के चिन्हित करने में जुट गई है।
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प्रति माह 2500 रूपये की मदद-

जिला प्रोबेशन अधिकारी सतीश चंद्र ने मंगलवार को बताया कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत योजना का लाभ जल्द से जल्द बच्चों व किशोरों को प्रदान किये जाने को लेकर चिन्हांकन का कार्य शुरू कर दिया गया है। योजना के मुताबिक 18 साल से कम उम्र के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोरोना से इतर कारणों से पहली मार्च 2020 के बाद माता-पिता दोनों या किसी एक को अथवा अभिभावक को खोया है, उनको प्रति माह 2500 रूपये की मदद पहुंचाई जाएगी।
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उच्च शिक्षा में की जाएगी मदद-

इसी श्रेणी में आने वाले 18 से 23 साल के किशोर जिन्होंने कक्षा-12 की परीक्षा उत्तीर्ण कर राजकीय डिग्री कालेज, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक की डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करना चाह रहे हैं, उन्हें लाभान्वित किया जायेगा। इसके अलावा नीट, जेईई व क्लैट जैसे राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों को 23 वर्ष की आयु पूरी होने या स्नातक शिक्षा अथवा मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त करने में जो भी पहले हो तक इस योजना का लाभ दिया जायेगा। इसमें वह किशोर भी शामिल किये जायेंगे जिनकी माता तलाकशुदा या परित्यक्ता हैं अथवा जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्य कर्ता जेल में हैं।
ऐसे बच्चों को भी मिलेगा योजना का लाभ-
इतना ही नहीं सरकार को उन बच्चों का भी पूरा ख्याल है, जिन्हें बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति, बाल वेश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार/पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया हो या भिक्षावृत्ति, वेश्यावृत्ति में शामिल रहे परिवारों के बच्चों को भी योजना के दायरे में लाकर लाभान्वित किया जाएगा।
अभिभावक को खुद करना होगा आवेदन-
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए माता-पिता या संरक्षक को खुद से आवेदन करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम पंचायत अधिकारी के पास, विकास खंड या सीधे जिला प्रोबेशन अधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है। शहरी क्षेत्र में लेखपाल, तहसील या सीधे जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में आवेदन पत्र जमा किया जा सकता है। आवेदन पत्रों का सत्यापन ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में उप जिलाधिकारी द्वारा किया जायेगा। इसके बाद चिन्हित बच्चों या उनके अभिभावकों से बाल संरक्षण इकाई तथा बाल कल्याण समिति सीधे संपर्क कर आवेदन प्रक्रिया को 15 दिन में पूर्ण कराने का काम करेगी।

ये हैं योजना के वित्तीय मानक-
पात्रता की श्रेणी में आने वाले परिवार के अधिकतम दो बच्चों को प्रतिमाह प्रति बालक व बालिका 2500 की राशि प्रदान की जाएगी। इसके लिए जरूरी है कि ऐसे बच्चों की वार्षिक आय तीन लाख रूपये से कम हो, किन्तु जिन बच्चों के माता-पिता दोनों की मृत्यु पूर्व में हो गयी हो और मार्च 2020 के बाद अभिभावक की भी मृत्यु हो गयी हो या मार्च के बाद माता-पिता दोनों की मृत्यु हुई हो, ऐसे मामले में वार्षिक आय सीमा की शर्त नहीं लागू होगी।
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