ढाई साल से जेल में बंद या छूटने वाले करीब पांच सौ अपराधियों को चिह्नित किया गया है। जिनमें लगभग 140 पेशेवर अपराधी हैं। इनका थानों से सत्यापन कराया जा रहा है। मुकदमों की पैरवी में तेजी लाई जाएगी। पुलिस कर्मी ऐसे अपराधियों के घर.घर दस्तक देकर तीन.तीन फोटो खींचेंगे। साथ ही अपराधियों के साथ 25 मिनट का वीडियो भी बनाया जाएगा। डोजियर डिटेल भी भरवाया जाएगा। पीडीएफ फाइल बनाई जाएगी। वाट्सएप से लोकेशन ली जाएगी।अपराधियों की फोटो सीयूजी नंबर पर वाट्सएप की जाएगी। हर थानों को पूरा डाटा दिया गया है। लैपटॉप पर कंपाइल किया जाएगा। जिससे अपराध होने के बाद उनकी लोकेशन तत्काल पुलिस के पास होगी।
एसपी देव रंजन वर्मा ने बताया कि अपराधियों की लोकेशन न होने से पुलिस को हवा में हाथ मारना पड़ता था लेकिन उनका सत्यापन होने के बाद ऐसा नहीं हो सकेगा। रास्ते व घर के सामने खड़े कर अपराधियों का वीडियो बनाया जाएगा। ताकि वारदात के बाद पुलिस को अपराधियों के घर पहुंचने के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। उनका मकसद पुलिस को पूरी तरह से आधुनिक बनाना है। डिटेल व अन्य जानकारी लैपटॉप में होने के कारण अपराधियों की जानकारी पुलिस अधिकारी बटन दबाते हुए जान सकेंगे।