विमल शर्मा का कहना है कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बारिश के चलते बढ़ी ठंड के कारण बांदा जिले की कान्हा पशु आश्रय केंद्र में बुधवार-गुरुवार की रात भूख और ठंड की वजह से 15 और शुक्रवार को 7 गायों की मौत हुई है। जबकि सरकार गोवंश को लेकर काफी सख्त है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने बांदा जिले का दौरा कर एक गोशाला का भी निरीक्षण किया था लेकिन यहां जगह-जगह बद इंतजामी है। एक माह पूर्व भी इसी गौशाला में 13 गायों की मौत होने की खबर सामने आई थी।
गोशाला के प्रबंधक संतोष कुमार ने भी आरोप लगाया कि जब बीमार गायों को देखने के लिए पशु चिकित्सक को बुलाया जाता है तो वह गायों के इलाज के लिए बुलाने पर भी गौशाला नहीं आते हैं। इस वजह से बीमार होने के कारण गायों को इलाज नहीं हो पाता है और उनकी असमय मौत हो जाती है। इसके साथ ही गायों के शव को बिना पोस्टमार्टम कराए फेक दिए जाते हैं। इस पर पशु चिकित्सक ने कहा कि वह हर दूसरे या तीसरे दिन गौशाला आकर बीमार गौवंशों का उपचार करते हैं। गौशाला में तैनात एक अन्य कर्मचारी रज्जी ने बताया कि यहां करीब 400 गौवंश बंद हैं, लेकिन चारा और भूसा पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता है, जिससे गौवंशों की मौतें हो रही हैं। सरकार द्वारा ठंड से गायों को बचाने के लिए अबतक कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।
एसडीएम का बेतुका बयान
अतर्रा के उपजिलाधिकारी सौरभ शुक्ला ने शुरुआत में इस मामले पर बोलने से मना किया था लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा तब उन्होंने स्वीकार किया कि, शुक्रवार को 9 गायों की मौत हुई है। एसडीएम ने कहा कि ये गायें कहीं भी रहती तो भी मर जाती, लेकिन गौशाला में मरी हैं तो इसे एक मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही सख्ती दिखाते हुए एसडीएम ने गौशाला में तैनात सफाई नायक और एक अन्य कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।