वहीं जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संतोष कुमार ने दो डाक्टरों के पैनल से पोस्ट-मार्टम के निर्देश दिए, साथ ही जिलाधिकारी ने समिति से जांच कराने के भी आदेश दिए हैं।
घटना बांदा शहर कोतवाली क्षेत्र के शंभू नगर मोहल्ले की है जहां के निवासी वकील सूर्य कुमार शुक्ला के घर में पोलियो की दवा पिलाने की टीम है और उन्होंने वकील की 9 माह की पुत्री इशिता को दवा पिलाई। इसके बाद जब काफी समय तक बच्ची को होश नहीं आया तो परिजन उसे लेकर अस्पताल भागे जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद मृत बच्ची के परिजनो में कोहराम मच गया और परिजनों ने जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताई।
पोस्टमार्टम के लिए दिये निर्देश
परिजनों का आरोप है कि बिल्कुल स्वस्थ रूप से बच्ची को दी गई पोलियो ड्रॉप की खुराक के बाद बच्ची को नींद आई और शारीरिक रूप से असमर्थ बदहवास होने पर परिजनों द्धारा जिला अस्पताल लाया गया। जहां पर बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया। इस बारे में बांदा जिलाधिकारी हीरालाल का कहना है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संतोष कुमार ने दो डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम के निर्देश दिए हैं ताकि रिपोर्ट के बाद मृत्यु का कारण पता चल सके।
अन्य बच्चों को नहीं हुआ कोई नुकसान
वहीं सीएमओ का कहना है कि जिस वॉयल से बच्ची को दवा दी गई, उसी वॉयल से उसके पहले उसी मोहल्ले के कई बच्चों को दवा पिलाई गई है, किसी को कोई नुकसान नहीं है। सीएमओ ने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ये दवा रिएक्शन या साइड इफेक्ट नहीं करती, बाकी पोस्ट-मार्टम की रिपोर्ट के बाद सही कारण स्पस्ट हो पाएगा।