विंध्य-बुंदेलखंड राज्य गठन की मांग सांसद ने कहा कि यूपी में प्रयागराज का यमुना पार क्षेत्र और मिर्जापुर, सोनभद्र, चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, झांसी, जालौन, ललितपुर और मध्य प्रदेश के रींवा, सतना, छतरपुर, सागर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह, विदिशा, दतिया, भिंड आदि जिलों को मिलाकर बुंदेलखंड राज्य बनाया जा सकता है। इसकी राजधानी श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट बनाई जा सकती है। सांसद ने विंध्य-बुंदेलखंड राज्य गठन के लिए कार्रवाई की मांग की।
जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से निराशा आपको बता दें कि यूपी को राज्यों में विभाजित किए जाने की अटकलों के बीच बुंदेलखंड राज्य की मांग भी तेज है। दबी जुबान से अलग राज्य की मांग करते आए संगठन अचानक मुखर हो उठे हैं। ज्ञापन देने और दिल्ली तक साइकिल यात्रा जैसे कार्यक्रम भी आयोजित होने लगे हैं। बावजूद इसके बुंदेलखंड की सत्ता में शामिल जनप्रतिनिधियों की चुप्पी बुंदेलियों को निराश कर रही है। हालांकि सांसद आरके सिंह पटेल द्वारा संसद में यह मुद्दा उठाये जाने से लोगों में एक आशा जरूर जगी है। दरअसल लंबे समय से बुंदेलखंड राज्य बनाए जाने की मांग चली आ रही है। इसमें यूपी व एमपी के करीब 15 जनपदों को मिलाकर राज्य बनाने की बात होती रही है। भाजपा की केंद्रीय मंत्री रहीं उमा भारती के साथ-साथ नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने बुंदेलखंड राज्य बनाने का वादा किया था, लेकिन वो वादा अभी तक केवल चुनावी ही साबित हुआ है।
इन जिलों से मिलकर बनेगा बुंदेलखंड राज्य यूपी-एमपी के कई संगठनों द्वारा बुंदेलखंड राज्य बनाने की मांग की जा रही है। इन संगठनों में बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा, मुक्ति मोर्चा, क्रांति दल, राज्य निर्माण सेना, जनक्रांति सेना, विकास सेना, बुंदेली समाज और बुंदेलखंड अधिकार समेत कई संगठन शामिल है। ऐसे में अगर बुंदेलखंड अलग राज्य बनना है तो उसमें मध्यप्रदेश से दतिया, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह और पन्ना जिले शामिल होंगे। वहीं उत्तरप्रदेश से झांसी, बांदा, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, महोबा और चित्रकूट जिले अलग बुंदेलखंड राज्य का हिस्सा बनेंगे।