बता दें कि रात करीब 12 बजे गर्भवती महिला सुनीता दर्द से कराहती हुई बाँदा के महिला अस्पताल पहुंची जहां उसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने उसे यह कहकर बैरंग वापस कर दिया गया कि स्टाफ की कमी है । इस बीच नर्स ने उसे एक दर्द का इंजेक्शन दिया और वापस चले जाने को कह दिया, जब महिला अपनी मां के साथ बांदा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची तभी अचानक गर्भवती महिला का दर्द बढ़ने लगा, उसकी चीख-पुकार सुनकर वहां पर बैठी महिलाओं ने उसकी मदद की और उसने एक बच्चे को जन्म दिया, बाद में महिला के परिजनों ने रेलवे पुलिस की मदद से एम्बुलेंस बुलाकर महिला को महिला जिला अस्पताल पहुँचाया जहाँ उसको भर्ती कर उपचार किया जा रहा है । वहीं महिला अस्पताल की इस संवेदनहीनता के बारे में स्वास्थ्य विभाग के लोग कुछ भी बोलने से कन्नी काट रहे हैं ।