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बांदा विश्वविद्यालय में 15 में से 11 ठाकुरों की नियुक्ति, कृषि मंत्री ने दिए जांच के आदेश

locationबांदाPublished: Jun 12, 2021 10:39:17 am

Submitted by:

Mahendra Pratap

– बीजेपी विधायक ने पीएम मोदी को लिखा पत्र- विपक्ष ने सरकार पर लगाया जातिवाद का आरोप

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

बांदा. Agriculture Minister inquire Order Released बांदा कृषि विश्वविद्यालय (Banda University of Agriculture and Technology) में प्रोफेसर के पद पर बड़ी संख्या में एक जाति विशेष के लोगों की नियुक्तियां किए जाने को लेकर भाजपा विधायक ने ही इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके बाद मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। विपक्ष का कहना है कि भर्ती में आरक्षण के नियमों का भी पालन नहीं किया गया है।
सीएम योगी से संजय सिंह ने किया सवाल, अगर 15 में से 11 भर्ती एक जाति की हुई तो आरक्षण का क्या हुआ?

बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 20 प्रवक्ताओं की भर्तियां की गई हैं, जिसका परिणाम एक जून को घोषित किया गया। इसमें 18 सामान्य वर्ग और दो ईडब्लूएस कोटे की भर्तियां की गयीं। इनमें से 15 सामान्य वर्ग के हैं। जिनमें 11 पदों पर एक ही जाति विशेष यानी ठाकुर समुदाय लोगों का चयन किया गया है। बाकी चार पदों में से एक ओबीसी, एक अनुसूचित जाति, एक भूमिहार और एक मराठी समुदाय से हैं। नियुक्त हुए कर्मचारी प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। 15 प्रवक्ताओं में 11 ठाकुर समुदाय के भर्ती किए जाने के लेकर विवाद छिड़ गया है।
बांदा के तिंदवारी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक बृजेश प्रजापति ने प्रधानमंत्री से लेकर सीएम योगी तक से शिकायत की है। वहीं, पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता उदित राज ने भी उनको अपने निशाने पर लिया है। विधायक ने कहा कि बांदा कृषि विश्वविद्यालय में जो प्रवक्ता के पद पर हुई नियुक्त की गई है, उसमें आरक्षण रोस्टर का नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता बृजेश यादव ने भी ट्वीट कर योगी सरकार आरक्षण विरोधी करार दिया है। बांदा कृषि विश्वविद्यालय की भर्ती के मामले को तूल पकड़ते देख कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन डॉ वीके सिंह ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है।

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