मामला कुछ यूं है कि बांदा कलेक्ट्रेट में डीएम कार्यालय के ठीक बाहर मिले इस नकली बम ने जिला प्रशासन और पुलिस महकमे की सीसीटीवी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। दोपहर तीन बजे कलेक्ट्रेट डीएम कार्यालय में आने-वाले लोगों की नजर कोने में रखे एक बम पर पड़ी तो हड़कंप मच गया, लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। काफी देर जांच करने के बाद जब बम को उठाया तो वह मामूली पटाखा निकला। बम तो नकली निकला लेकिन साथ ही पुलिस और प्रशासन के सुरक्षा के दावे भी नकली ही निकले । 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी वाले क्षेत्र कलेक्ट्रेट और खासकर डीएम कार्यालय प्रांगण में ये नकली बम कैसे पहुंचा और किसी को भनक तक नहीं लगी।
मौके पर मौजूद फरयादी का कहना था कि मैं यहां डीएम साहब से मिलने आया था तभी देखा की कलेक्ट्रेट के सामने कोई संदिग्घ वस्तु पड़ी है, जो की बम की तरह है, इसपर मैंने डीएम साहब को सूचित किया। इसके बाद पुलिस ने जाकर उसे अपने कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया है। बताया कि ये किसी शरारती तत्व की शरारत भी हो सकती है, या फिर किसी तरह का संकेत हो सकता है। कहा कि जब कलेक्ट्रेट साहब के आफिस के सामने ऐसी घटना हो सकती है तो बाकी जगहों का क्या हाल होगा। वहीं इस पूरे मामले में सीओ सिटी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कलेक्ट्रेट में कोई बम जैसी चीज पड़ी है । जैसे ही इस घटना की जानकारी हुई तो भारी संख्या में पुलिस बल वहां पहुंचा। संदिग्ध चीज को दखने से ही प्रतीत हो गया था कि यह बम नहीं है, लेकिन जब उस संदिग्ध चीज की जांच की गई तो वह पटाखा निकला। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि वहां पटाखा कैसे आया। कलेक्ट्रेट में लगे सीसीटीवी में जांच की जा रही है और जांच के बाद जो भी तथ्य सामने निकलकर आएंगे उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।