जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि 29 मार्च की रात बांदा जनपद के तिंदवारी स्वास्थ्य केन्द्र में ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि वरुण यादव अपने समर्थको के साथ पहुंचे थे व अस्पताल में मौजूद डॉक्टर देव प्रकश सिंह से मलहम मांगा था। जिस पर मलहम अस्पताल में न होने से डॉक्टर ने मना कर दिया था। जिस पर ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि और डॉक्टर में मारपीट हो गई थी। जिसमें दोनों लोग घायल हुए थे तथा डॉक्टर देव प्रकाश सिंह को गंभीर चोटें आई थी। इसके बाद तिंदवारी स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य कर्मी, डॉक्टर को लेकर बांदा आए थे व घायल डॉक्टर को भर्ती कराते हुए बांदा जिला अस्पताल में हंगामा काटा तथा डीएम आवास पर जाकर जिलाधिकारी से एफआईआर व आरोपी की गिरफ़्तारी की मांग की थी।
इस मामले को संज्ञान में लेते हुए बांदा एसपी गणेश प्रसाद शाह ने एफआईआर के आदेश कर दिए थे जिस पर एफआईआर दर्ज हो गई थी। इस मामले में डॉक्टर देव प्रकाश सिंह का कहना था कि ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि (बबेरू के पूर्व विधायक विसंभर यादव के पुत्र) आधा दर्जन समर्थको के साथ स्वास्थ्य केंद्र आए थे व उनसे मलहम मांगा था। मलहम न होने पर मना कर दिया गया था जिस पर उन्होंने उनसे मारपीट की थी। वहीं आरोपी ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि वरुण यादव का कहना था कि डॉक्टर ने खुद मारपीट की शुरवात की थी, उनको निर्दोष फसाया जा रहा है।
डाक्टरों की हड़ताल से लोग परेशान
इस मामले के बाद से तिंदवारी स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य कर्मी, अस्पताल का काम ठप कर स्वास्थ्य केंद्र में ही धरने पर बैठे हुए हैं। इस वजह से स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों के परिजनों का कहना है कि हम अपने मरीजों को लेकर रोज यहां आ रहे हैं, पर डाक्टरों की हड़ताल की वजह से हम परेशान हैं। वहीं स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि एसपी के आदेश पर एफआईआर तो लिख ली गई है पर अभी तक आरोपी की गिरफ़्तारी नहीं की गई है। इनकी मांग है कि जल्द से जल्द गिरफ़्तारी हो व अस्पताल में हमारी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाए तभी हमारी हड़ताल समाप्त होगी।