यह है पूरा मामला
संविदा कर्मी की मौत के बाद उसके परिजनों ने बांदा शहर स्थित चीफ ऑफिस के सामने बांदा कानपुर रोड पर मृतक के शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया और घंटों प्रदर्शन करते रहे। सूचना पर पुलिस व बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को काफी देर तक समझाया बुझाया लेकिन परिजन नहीं माने। मृतक के परिजनों की मांग थी कि उन्हें 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता मृतक के बेटे को नौकरी और मृतक की पत्नी को पेंशन दिया जाए। इसके बाद परिजनों को बिजली विभाग के अधिकारियों ने 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का चेक सौंपा और मृतक के परिजनों को समझाया और फिर मृतकों माने तब जाकर मृतक के शव को सड़क से हटाया गया।
इलाज के दौरान मौत
आपको बता दें कि पूरा मामला मरका थाना क्षेत्र के पिण्डारण गांव का है। जहां शिवमोहन नाम के संविदा विद्युत कर्मी की कल उस समय मौत हो गई थी जब वह विद्युत पोल पर चढ़कर काम कर रहा था। शिव मोहन कल विद्युत पोल पर चढ़कर काम कर रहा था विद्युत पोल पर चढ़ते समय शटडाउन लिया गया था लेकिन जिस समय शिवमोहन काम कर रहा था उसी समय लाइट चालू कर दी गई। जिससे शिवमोहन विद्युत पोल से नीचे जा गिरा और गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना पर आनन-फानन में ग्रामीणों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने उसे कानपुर रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
जाम लगाकर प्रदर्शन करने लगे लोग
मृतक के परिजनों ने पोस्टमार्टम होने के बाद मृतक के शव को सीधे विद्युत चीफ ऑफिस के सामने बांदा कानपुर रोड पर रख दिया और जाम लगाकर प्रदर्शन करने लगे। मृतक के परिजनों ने बताया कि शिवमोहन ही पूरे घर का भरण पोषण करता था और बिजली विभाग की लापरवाही के चलते उसकी जान चली गई परिजनों ने यह भी बताया कि जनवरी से लेकर अभी तक का बिजली विभाग ने किए गए काम का भुगतान भी नहीं किया। वहीं परिजनों ने कहा कि उन्हें दस लाख रुपए का मुआवजा, बेटे को नौकरी, साथ ही मृतक की पत्नी को पेंशन दी जाए।