नरैनी विकास खंड की ग्राम पंचायत तुर्रा में संचालित गौशाला का संचालन एक संस्था द्वारा किया जा रहा है। दिन में यहां गौवंश नहीं मिले। मौके पर मिले प्रतिनिधि ने अपना नाम कृष्ण कुमार बताते हुए जानकारी दी कि करीब 75 गौवंश संरक्षित हैं। लेकिन दिन में इन्हें चरने के लिए छोड दिया जाता है। शाम को फिर संरक्षित कर लिए जाते हैं। अतर्रा की कान्हा गौशाला नगर से बाहर तुर्रा गांव के नजदीक बनी है। बताते हैं कि इसका संचालन नगर पालिका द्वारा किया जा रहा है। यहां भी एक सैकड़ा से अधिक गौवंश संरक्षित बताए गए हैं। लेकिन दिन में एक भी गौवंश मौके पर नहीं मिले। मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि गौवंश चरने गए हैं। जिन्हें शाम को वापस गौशाला में लाया जाता है।
नरैनी के पास स्थित ग्राम पंचायत पड़मई में बड़ी गौशाला सड़क किनारे बनीं है। बताते हैं कि इस गौशाला की क्षमता लगभग दौ से ढाई सैकड़ा गौवंश की है। लेकिन दिन में अक्सर यह गौशाला भी सूनी रहती है। बताया गया कि इस समय खेत खली हैं इसलिए दिन में इन्हें खेतो में ले जाकर चराते हैं। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना कि चराने के बहाने छोड़ दिया जाता है।
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क्या होता है ‘हनीट्रैप’, कैसे फंस जाते हैं बड़े अफसर से लेकर शातिर अपराधी अभाव के चलते बंद होने के कगार पर गौशाला कस्बे के सुभाष नगर मोहल्ले में पांच वर्षों से चल रही शिवानी गौशाला अनदेखी के कारण बंद होने की कगार में है। गौशाला कैलाश सोनी ने अपनी ज्वैलरी की दुकान बंद कर गौ सेवा में लग गए और अपनी व्यक्तिगत जमीन पर गौशाला बनाकर करीब 40 गायों की सेवा करने लगे। संचालक ने मुख्यमंत्री को भेज पत्र में कहा कि अधिक बढ़ गया है जिससे खान पान और सुविधाओं का अभाव होने लगा है। उन्होंने शासन से सहयोग की मांग की है। कहा कि अधिकारियों की अनदेखी के कारण गौशाला का अभी तक पंजीयन भी नहीं हो सका। सीएम से मांग करने पर लखनऊ से जांच आई तो मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी बांदा ने नरैनी के पशु चिकित्सा अधिकारी को भेज कर कार्रवाई शुरू र्की । साथ ही नरैनी एसडीएम मौके पर पहुंच गौशाला का निरीक्षण किया। साथ ही शासन को जांच रिपोर्ट भेज कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
क्या बोले अधिकारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. एसपी सिंह के अनुसार जिले में मौजूदा समय 55 गौवंश स्थाई व अस्थाई गौशालाओं में संरक्षित हैं। जिनका भरण पोषण किया जा रहा है। काफी मात्रा में किसानो से दान में भूसा एकत्र कर लिया गया है। वहीं हरे चारे की दिक्कत न हो इसके लिए चारे की पैदावार की जा रही है।
एक नजर जिले में कुल गौशाला 308 संरक्षित गौवंश की संख्या 55 हजार दान में एकत्र किया गया भूसा 3 लाख कुंतल यह भी पढ़े –
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