बड़ी तादाद में बेरोगजारी, नपाक की नजर पड़ी बुंदेलखंड की गरीबी का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शायद ही यहां का कोई ऐसा गांव हो जहां के आधे से अधिक बेराजगार युवक दूसरी जगह पलायन न कर रहें हों। लोगों को उम्मीद थी कि केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार दर्द से कराह रहे बुंदेलखंड के लोगों का इलाज करेगी, लेकिन जमीन पर ऐसा होता दिख नहीं रहा। जिसके चलते पाकिस्तान यहां के बेरोजगारों को अपना हथियार बना रहा है और नकली भारतीय नोटों को इन्हीं के जरिए खपा रहा है। यहां पर खुफिया विभाग पुलिस को बराबर जानकारी दे रहा था कि नकली नोट बांग्लादेश के रास्ते से पश्चिम बंगाल होते हुए आ रहें है। जिसके चलते बांदा पुलिस अधीक्षक शालिनी ने इस पर काम करना शुरू किया और सटीक सूचना पर अतर्रा पुलिस ने अतर्रा कस्बे से एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। जिसके पास से करीब आठ लाख पाकिस्तान से छपे नकली भारतीय नोट पकड़े गये।
असली खिलाड़ी कोई और! उसके कब्जे से दो-दो हजार रुपए के 398 जाली भारतीय मुद्रा के नोट बरामद किये है, जिनकी कीमत 7,96,000 लाख रुपए है। यही नहीं, जो व्यक्ति पकड़ा गया है वह पहले भी कई बार नकली नोटों को खपाने पर जेल जा चुका है। पुलिस को शुरूआती जांच में पता चला कि जो पकड़ा गया है यह तो मोहरा है असली खिलाड़ी और हैं, जो बांदा, महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट, झांसी और उरई तक अपना नेटवर्क फैलाए हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह लोग यहां की गरीब जनता को लालच देकर बड़ी आसानी से पाकिस्तान से छपे नकली नोटों को बाजार में पहुंचा रहे हंै। बांदा के जाने माने वकील संतोष निगम बताते हैं कि गरीबी के चलते पहले यहां का युवा बंदूक लेकर पाठा के जंगल पर उतर जाता था, लेकिन पुलिस एनकाउंटर में डकैतों के मारे जाने के बाद युवाओं के पास कोई रोजगार का रास्ता नहीं होने के चलते वो अब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए काम करने को मजबूर हो रहे हैं।
बांग्लादेश के रास्ते पहुंच रही है नोटों की खेप पुलिस अधीक्षक शालिनी ने बताया खुफिया जानकारी पर पुलिस इस पूरे नेटवर्क को पकडऩे के लिए कमर कस लिया है, जिसके चलते मुखबिर की सूचना मिलने पर थानाध्याक्ष अतर्रा दुर्गविजय सिंह ने अतर्रा से बांदा रोड पर इंजीनियरिंग कॉलेज के पास स्थित मकान पर छापा मारकर घनश्याम गुप्ता पुत्र स्व. केदारनाथ गुप्ता निवासी अतर्रा को गिरफ्तार कर लिया। जिसके पास से दो-दो हजार के 398 जाली नोट, एक नोकिया का मोबाइल, 1270 रुपए असली भारतीय मुद्रा और एक मोटर साइकिल बिना नम्बर की बरामद की गयी। पूछताछ पर उसने बताया कि वह यह नकली नोट पश्चिम बंगाल से लाता हैं। यह नोट बांग्लादेश के रास्ते पश्चिम बंगाल पहुंचते है। उसके मुताबिक 40 हजार असली नोट के बदले एक लाख नकली मिलते है। नकली नोट लाकर बांदा, चित्रकूट व आस-पास के जनपदों में 60 हजार प्रति लाख के हिसाब से ग्राहक खोज कर बेच देता हैं उसने यह भी बताया कि मैं यह धन्धा पिछले 2 वर्षो से कर रहा हूं।
आरबीआई दर्ज करा चुकी है मुकदमा इसके पहले कोतवाली नगर नरैनी, बिसण्डा में नकली जाली मुद्रा का कारोबार करते पकड़ा जा चुका है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभियुक्त के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा आपराधिक मुकादमें दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि यह तो यह मोहरा है, इसके पीछे पूरा बड़ा नेटवर्क है, जो पूरे बुंदेलखंड में पाकिस्तान से छपे नकली नोटों को गरीब जनता तक पहुंचा रहा है। जानकारी जुटाई जा रही है जल्द ही पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर खुलासा किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि बांदा में नोट बंदी से पूर्व भी नकली नोटों का व्यापार चल रहा था। जब नोट बंदी हुई हैं, उस समय बांदा के विभिन्न बैंकों में एक-एक हजार तीन लाख नकली नोट बैंकों में जमा किये गये थे। रिजर्व बैंक से नोट वापसी के बाद आरबीआई ने बांदा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले की भी जांच की जा रही हैं जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा।