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लोकसभा चुनाव 2019- मलखान भी ठोकेंगे ताल! भाजपा से चाहते हैं टिकट

locationबांदाPublished: Mar 14, 2019 12:51:15 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

अखिल भारतीय खंगार क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय संरक्षक एवं चंबल के पूर्व दस्यु सम्राट मलखान सिंह चुनावी रण में अपनी ताल ठोकने की तैयारी कर रहे हैं, 55 लाख सजातीय वोटों के दम पर सूबे की राजनीतिक में गेममचेंजर बनने का ताना-बाना बुन रहे हैं।
 

malkhan singh

लोकसभा चुनाव 2019- मलखान भी ठोकेंगे ताल! भाजपा से चाहते हैं टिकट

बांदा. दस्युओं का चुनाव लडऩा बड़ी बात नहीं है। पूर्व दस्यु सुंदरी फूलन देवी ने आत्मसमर्पण करने के बाद लोकसभा का चुनाव लड़ा था और वह सांसद भी पहुंची। इस बार लोकसभा चुनाव में धुरंधरों का खेल बिगाडऩे के लिए सियासी गोटियां बिछनी शुरू हो गई हैं। अखिल भारतीय खंगार क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय संरक्षक एवं चंबल के पूर्व दस्यु सम्राट मलखान सिंह चुनावी रण में अपनी ताल ठोकने की तैयारी कर रहे हैं। वे अपने सजातीय करीब दो लाख वोटर के सहारे राजनीतिक पारी को लेकर वह काफी आशान्वित हैं।
मलखान सिंह यूपी में अपने 55 लाख सजातीय वोटों के दम पर सूबे की राजनीतिक में गेममचेंजर बनने का ताना-बाना बुन रहे हैं। उन्होंने पत्रकार वार्ता में अपनी चुनावी जिज्ञासा को जाहिर की थी, फिलहाल टिकट के लिए वे कई दलों के संपर्क में हैं।
कांग्रेस से भी कोई परहेज नहीं
मलखान सिंह कहते हैं कि बांदा-चित्रकूट संसदीय सीट से भाजपा टिकट देती है तो ठीक है, नहीं तो कांग्रेस समेत दूसरे दलों से भी टिकट लेने में वे कोई परहेज नहीं करेंगे। अपने पुराने जीवन को लेकर उनका कहना था कि उन्होंने हमेशा उत्पीडऩ के खिलाफ आवाज उठाई है, आगे भी उत्पीडऩ को बर्दाश्त नहीं करेंगे। खंगार समाज के स्थानीय पदाधिकारी दिवाकर सिंह का कहना है कि उन्होंने भाजपा से लोकसभा में दो सीटें मांगी हैं। इसमें एक बांदा-चित्रकूट और दूसरी सीतापुर जिले की मिश्रिख लोकसभा सीट है।
बुंदेलखंड के चुनावों में डकैतों का रहा हस्तक्षेप
पूर्व दस्यु मलखान की राजनीतिक पारी कितनी सफल होगी यह तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन एक बात तय है कि बांदा-चित्रकूट लोकसभा सीट से पूर्व दस्यु मलखान सिंह चुनावी मैदान में ताल ठोकते हैं तो यहां चुनाव काफी रोचक हो जाएगा। इसकी एक प्रमुख कारण यह भी है कि बुंदेलखंड के चुनावों में डकैतों का हस्तक्षेप शुरू से किसी न किसी तरह जरूर रहा है। बीहड़ की तरह ही बुंदेलखंड भी डकैतों की शरणस्थली के रूप में जाना जाता है। ऐसे में मलखान सिंह की आमद यहां के चुनावी माहौल में सरगर्मी बढ़ाएगी। साथ ही बड़े-बड़े धुरंधरों के समीकरण बिगडऩे के भी पूरे आसार हैं।
पूजापाठ में गुजर रहा समय
मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने 1980 में गैंग के साथ सरेंडर करने वाले मलखान उस जमाने के सबसे खूंखार डकैत थे। छह फीट लंबे दस्यु सरगना के कंधे पर हमेशा रायफल रहती थी। उन पर 32 पुलिस कर्मियों समेत कुल 185 हत्याओं का आरोप रहा है। सरेंडर के बाद उनको भूदान आंदोलन में रहने-बसने के लिए जमीन दी गई थी। फिलहाल उनका ज्यादातर समय अपने गांव भिंड में मंदिर में पूजापाठ में गुजरता है। अब वे राजनीति में अपना कदम रखना चाहते हैं। अगर वे राजनीति में आते हैं तो बांदा-चित्रकूट का चुनाव काफी दिलचस्प हो सकता है।
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