इसके साथ ही मेला परवान चढऩे लगा है। कपिल तीर्थ नगरी में पहली बार निकली तीर्थ यात्रा श्रद्धालुओं एवं कस्बे वासियों के लिए कौतुहल बनी हुई थी। कपिल तीर्थ मुख्य घाट से खडेश्वरी संत हनुमान गिरी के नेतृत्व में निकली। तीर्थ परिक्रमा यात्रा ढोल झींझा की थाप व बांकिया तुरी वादन के बीच हर हर महादेव व कपिल मुनि एवं सनातन धर्म के जयकारे लगाते हुए मुख्य घाट से रवाना हुई।
जिसे विधायक भंवरसिंह भाटी, सरपंच देवीसिंह भाटी ने सज्जे धज्जे वाहनों में स्थापित पादूका को पुष्प अर्पित कर रवाना किया। धार्मिक उद्घोष लगाते नागा साधु एवं संत कस्बे के विभिन्न मार्गों सदर बाजार से होते हुए बारह महादेव परिक्रमा मार्ग से गणतव्य स्थल पहुंची, जहां संतों ने भारत राष्ट्र एवं सनातन धर्म के लिए मंगल की कामना की।
धूणे हुए चेतन कार्तिक पूर्णिमा पर्व एवं कपिल मुनि की तप:स्थली का वार्षिक मेला साधुओं के धूणे चेतन होने के साथ मेला परवान चढने लगा है। शनिवार को यहां स्थित सभी अखाड़ों, आश्रमों में योगियों एवं संतों हर हर महादेव व कपिल मुनि के जयकारों के साथ अपने पंथ की परम्परानुसार धूणे चेतन किए।
वही बड़े अखाड़ों के महन्तों एवं श्री महन्तों सहित बड़े साधुओं का आगमन शुरु हो गया है। नाथ सम्प्रदाय के योगी कृष्णनाथ महाराज, उदासीन अखाड़े के आकाश मुनि, बलबीरदास महाराज यहां पहुंच चुके हैं।
वही नागा साधुओं सहित विभिन्न सम्प्रदायों के संतों सूर्य घाट, पादुका चौक, खाक चौक, पंच मन्दिर में संत हनुमान गिरी महाराज, बारह महादेव मन्दिर योगी गणेशनाथ व साधुओं ने कपिल सरोवर के तट पर धूणे चेतन किए।