शहर के अशोक लाट तिराहे में प्रदर्शन
आज “राष्ट्रीय स्वराज पैंथर” पार्टी के एक सैकड़ा पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्नालाल दिनकर के नेतृत्व में बांदा शहर के अशोक लाट तिराहे में प्रदर्शन किया व मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्री ज्ञापन जिलाधिकारी को सौपते हुए देश में शिक्षा के गिरे हुए स्तर को बढ़ाने के लिए अच्छे शिक्षण संस्थान तैयार कराने व शिक्षा के लिए पर्याप्त बजट दिए जाने की मांग की।
ज्ञापन के माध्यम से मांग की
पदाधिकारिओ ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि मिल डे मील योजना को बंद करके उसकी जगह छात्रवृत्ति योजना लागू की जाए, अधिक से अधिक आवासीय विद्यालय खोलकर मजदूरों के बच्चो को प्रवेश दिलाकर उन्हें शिक्षा दिलाई जाए। शिक्षकों की भर्ती करके देश के सभी शिक्षण संस्थानों में पर्याप्त शिक्षक नियुक्त किए जाए। देश के सभी बच्चों को साक्षर बनाने की बजाए उन्हें शिक्षित बनाया जाए तथा दोहरी शिक्षा पद्धति को समाप्त करके एक समान शिक्षा पद्धति लागू की जाए।
अध्यापक, रसोईया व प्रधान द्वारा धन का बंदरबांट
राष्ट्रीय दलित पैंथर के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्नालाल दिनकर ने कहा कि आज हमने शहर के अशोक लाट तिराहे में मिड डे मील योजना के कारण शिक्षण व्यवस्था में बहुत बुरा असर पड़ रहा है, जहां पर गरीबों के बच्चे ज्यादातर पढ़ने जाते हैं वहां पर मिड डे मील योजना लागू होने से गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है। खिचड़ी व्यवस्था के कारण वहां पर अध्यापक, रसोईया व प्रधान द्वारा धन का बंदरबांट किया जाता है। शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जाता है और दोहरी शिक्षा लागू होने के कारण मिड डे मील जैसे विद्यालयों की शिक्षा ग्रहण करके गरीब बच्चा उन बच्चों से कैसे मुक़ाबला कर पाएगा, जो बच्चे कान्वेंट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करते हैं।
नीव कमजोर होगी तो इमारत मजबूत नहीं होगी
इसके साथ ही कहा कि जैसे मकान की नीव कमजोर होगी तो इमारत मजबूत नहीं होगी। इसी तरह गरीबों के बच्चे अगर अच्छी शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाएंगे, न तो उनको अच्छी शिक्षा हासिल हो पाएगी और न ही वो अच्छे कम्पटीशन में भाग ले सकेंगे और न ही सफल हो पाएंगे। इसलिए आज हमने आंदोलन किया है कि दोहरी शिक्षा समाप्त की जाए, विद्यालओं में मिल डे मील योजना को बंद किया जाए और गरीब मजदूर ईट भट्टा आदि जगहों में काम करने के लिए चले जाते हैं अपने बच्चों को लेकर उनके बच्चों को आवासीय विद्यालओं में प्रवेश दिलाकर शिक्षा दिलाई जाए।