बांदा

नोटिस मिलने पर मलिन बस्ती के लोगों ने जमकर किया प्रदर्शन

नोटिस मिलने पर मलिन बस्ती के लोगों ने जमकर किया प्रदर्शन

बांदाJun 10, 2018 / 11:30 am

Ruchi Sharma

नोटिस मिलने पर मलिन बस्ती के लोगों ने जमकर किया प्रदर्शन

बांदा. जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में मलिन बस्ती के परिवारों ने जमकर प्रदर्शन किया। मलिन बस्ती को उजाड़ कर अमृत योजना पार्क निर्माण कराने पर नगर पालिका परिषद द्वारा आए दिन मलिन बस्ती के लोगों को नोटिस दी जा रही हैं जिससे आज मलिन बस्ती के परिवार जिलाधिकारी कार्यालय पंहुचा जहां सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर उनकी बस्ती ना खाली कराये जाने की मांग की।
बता दें कि बांदा शहर के पशु अस्पताल के पास एक बस्ती बस्ती हुई है, जिसमें ज्यादातर वाल्मीकि समाज यानि जमादार समाज के लोग लगभग 60 वर्षों से रह रहे है। ये बस्ती नगर पालिका बांदा के अंतर्गत आती है जिसके तहत नगर पालिका परिषद् ने इस जगह पर अमृत योजना पार्क का निर्माण कराने का फैसला करते हुए यहां के लोगों को बस्ती खाली करने की नोटिस भेजी थी, इसके बाद भी यहां के निवासियों ने बस्ती नहीं खाली की। जिसके बाद नगर पालिका ने इसकी चारों तरफ से बाउंड्री बनवाने का काम शुरू करा दिया जिसपर बस्ती के लोग 2 जून को वही धरने पर बैठ गए, जिसके बाद नगर पालिका को बाउंड्री निर्माण का कार्य बंद करना पड़ा था।
इसके बाद बांदा शहर कोतवाली से भी इन लोगों को बस्ती खाली करने की नोटिस भेजी गयी है। इसी को लेकर आज इस मलिन बस्ती के दर्जन भर लोग बांदा कलेक्ट्रेट पहुंचे व सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर बस्ती खाली न कराये जाने की मांग की। बस्ती के लोगों ने कहा कि हम इस बस्ती में 60 वर्षों से रह रहे है, हम लाइट व पानी का बिल भी जमा करते चले आ रहे है।
नगर पालिका द्वारा यहां पार्क के नाम पर हमसे बस्ती खाली कराने को लगातार नोटिस भेजी जा रही है। बस्ती वालों का कहना है कि शहर में कितने पार्क बने हुए है, इनमें किसी की भी कभी सफाई नहीं होती है, सबमे कूड़ा डाला जाता है। पहले नगर पालिका इन पार्कों की स्थिति में सुधार ले आये फिर आगे पार्क बनाने की सोचे।
बस्ती वासियों का कहना है कि हम इतनी गर्मी में अपने बच्चों को लेकर कहा जायेंगे जब नगर पालिका हमें बेघर कर रही है तो शासन-प्रशासन हमें सर छुपाने की जगह दें। बस्ती वासियों का कहना है कि हम 2 जून से धरने पर बैठे हुए है, अगर अब भी हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हम अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ जायेंगे पर बस्ती खाली नहीं करेंगे।
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