बांदा जेल से लापता कैदी का नाम विजय आरख है और वह गिरवां थानाक्षेत्र के बरसणा बुजुर्ग गांव का रहने वाला है। लूट और डकैती के इस आरोपी को बीते छह फरवरी को जेल में लाया गया था। रविवार को शाम 7.30 बजे कैदियों की गिनती की गई तो विजय मिसिंग था। इसके बाद जेल का सायरन बज उठा।
तत्काल इसकी सूचना आला अधिकारियों को दी गई। जानकारी होते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और कई घंटे तक जेल के कोने कोने में तलाशी ली गई। पर उसका कहीं पता नहीं चला। दूसरे कैदियों और जेल के कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई लेकिन कुछ पता नहीं चला।
सीआे सिटी आरके सिंह ने मीडिया से बताया कि कैदी विजय आरव शाम की गिनती के समय मिसिंग पाया गया। उसके बारे में कैदियों व जेल स्टाफ से बात भी पूछताछ हुई। उन्होंने बताया कि पता चला है कि वह अपने बैरक नंबर 4बी से खाना खाकर पानी लेने बाहर निकला और फिर वापस नहीं लौटा उन्होंने कहा है कि जेल प्रशासन की आेर से जो भी तहरीर दी जाएगी उसके हिसाब से आगे कार्रवाई होगी।
प्रशासन जो भी कहे, जेल की सुरक्षा में सेंध लगाकर कैदी के लापता होने से यहां की सुरक्षा को लेकर किये जा रहे दावों की पोल खुल गई है। पंजाब से लाकर मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में बंद कर इसे यूपी की सबसे सुरक्षित और हाई सिक्योरिटी वाली जेल होने का दावा किया गया था। कहा जाता है कि इस हाई सिक्योरिटी जेल में परिंदा भी पर नहीं मार सकता। यहां मुख्तार के अलावा और दूसरे बड़े अपराधी भी बंद हैं।