आपको बता दें कि शनिवार को एससी-एसटी कानून के विरोध में सैकड़ों की संख्या में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन लेने सिटी मजिस्ट्रेट पहुंचे, जिस पर इन लोगों ने जिलाधिकारी से मिलने की बात कही। मगर इन लोगों को जब जिला अधिकारी से मिलने नहीं दिया गया तो इन लोगों ने जिला अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन शुरू कर दिया। यहां तक कि जिलाधिकारी पर भी सवर्ण विरोधी होने का आरोप लगाया। बाद में हंगामा बढ़ता देख जिलाधिकारी ने इन्हें बुलाया और इनसे ज्ञापन लिया।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के लोगों ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के सुझावों की अनदेखी करते हुए एवं जातिगत तुष्टिकरण एवं वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए सभी दलों के नेताओं वरिष्ठ सांसदों की उपस्थिति में दोषपूर्ण एससी-एसटी कानून दोनों सदन में पारित करा लिया गया है। उन्होंने कहा कि हम इस कानून का सच विरोध करते हैं क्योंकि जो लोग दोषी नहीं हैं वह ऐसे केस में भी फंस जाते हैं जिससे उनका जीवन खराब हो जाता है, इसलिए इस कानून में संशोधन किया जाए और जो सुप्रीम कोर्ट का पुराना आदेश था उसे फिर से बहाल किया जाए। इन्होंने कहा कि हम किसी पार्टी विशेष के पदाधिकारी या कार्यकर्ता नहीं हैं, हम क्षत्रिय समाज के लोग हैं, जिससे इस कानून के तहत हमें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है और अगर इस कानून में बदलाव ना किया गया तो आगे आने वाले समय में यह लोग बहुत परेशान हो जाएंगे।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के लोगों ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के सुझावों की अनदेखी करते हुए एवं जातिगत तुष्टिकरण एवं वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए सभी दलों के नेताओं वरिष्ठ सांसदों की उपस्थिति में दोषपूर्ण एससी-एसटी कानून दोनों सदन में पारित करा लिया गया है। उन्होंने कहा कि हम इस कानून का सच विरोध करते हैं क्योंकि जो लोग दोषी नहीं हैं वह ऐसे केस में भी फंस जाते हैं जिससे उनका जीवन खराब हो जाता है, इसलिए इस कानून में संशोधन किया जाए और जो सुप्रीम कोर्ट का पुराना आदेश था उसे फिर से बहाल किया जाए। इन्होंने कहा कि हम किसी पार्टी विशेष के पदाधिकारी या कार्यकर्ता नहीं हैं, हम क्षत्रिय समाज के लोग हैं, जिससे इस कानून के तहत हमें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है और अगर इस कानून में बदलाव ना किया गया तो आगे आने वाले समय में यह लोग बहुत परेशान हो जाएंगे।