वनांगना मानवाधिकार इकाई की शबीना मुमताज ने बताया की वनांगना 1993 से बांदा और चित्रकुट जिले में महिलाओं व किशोरियों के साथ हो रही हिंसा और सशस्तीकरण पर कार्य करती चली आ रही है। साथ ही वंचित समुदाय के साथ उनके अधिकारों की प्राप्ति के लिए कार्य करती आ रही है। बताया कि संस्था 2002 के दंगो के बॉस से वनांगना की पैनी नजर युवाओं के साथ काम करने में रही है, उनके हक़ अधिकारों, भेदभाव, जेण्डर, असमानता को लेकर लगातार काम किया गया है, उनमें साम्प्रदायिकता जैसे जहर का असर न हो इसपर युवा वर्ग के साथ सघंनता से काम किया है।
इसके साथ ही कहा कि हम बांदा जिले के नरैनी ब्लॉक के सीताराम डिग्री कॉलेज में 14, 15, 17 व 18 दिसम्बर 2018 को “आओ जागरूक बनो” कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं जिसमें कॉलेज के 50 युवा वर्ग लोगों के साथ हम संवैघानिक अधिकारों पर छमता विकास किया जाएगा। इस कार्यक्रम के साथ जुड़कर हम संविधान के मूलभूत अधिकारों और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों की एक साक्षी समझ बनाएंगे। साथ ही जनवरी 2019 में ये सभी 50 जागरिक 25 गांव की बस्तियों में जाकर समुदाय के साथ चर्चा करेंगे। कि उन तक कितनी सरकारी योजनाओं पहुंच रही हैं। उनकी अवश्यकताओं व समस्याओं को जानकार स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन देंगे व समस्याओं के निदान के लिए लड़ाई लड़ेंगे।