लोगों ने छोड़ दिया नहाना पानी के लिए तरसते लोगों के सब्र का बांध जब टूट गया, तो वे सड़कों पर उतर आए और शहर के मुख्य मार्ग पर पीने के पानी के बर्तनों को रख कर जाम लगा दिया और जल संस्थान और जल निगम के विरोध में नारेबाजी करते हुए जमकर बवाल काटा । आक्रोशित लोगों का कहना है कि कई दिनों से उनके यहां पानी नहीं आ रहा है जिसके चलते उन्हें आज सड़कों पर आना पड़ा। आक्रोशित लोगों को मनाने में पुलिस और प्रशासन के पसीने छूट गए लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद जब प्रशासन द्वारा जल आपूर्ति के आश्वासन देकर लोगों को समझाया गया। यहां निवासी सुरेश दास बताते हैं कि पानी की दिक्कत शुरू हो गई है। लोगों ने इतनी गर्मी में नहाना तक बंद कर दिया है। अभी की स्थिति को देखते हुए तो लग रहा है कि इस बार पानी की दिक्कत और ज्यादा होने वाली है।
पानी की सप्लाई के लिए दिए ८८ लाख पानी की समस्या को लेकर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव विनोद कुमार सिंह ने मंडल जल संस्थान भूरागढ़ का निरीक्षण किया। साथ में बने इनटेक वेल को भी देखा पानी की समस्या पर जल संस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक कर समाधान का रास्ता निकालते हुए बताया कि बांदा डिवीजन के लिए डब्ल्यू.टी.पी. पानी की कमी ना हो, पानी की सप्लाई के लिए ८८ लाख रुपए जल संस्थान को दिया गया है। वहीं बांदा डिवीजन के लिए ठेकेदारों और कर्मचारियों के वेतन संबंधी भुगतान के लिए तीन करोड़ रुपए शासन से प्रस्तावित मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कु हमारे पास पानी की कमी नहीं है, और न ही संसाधनों की, जिन उपकरणों में खामियां हैं, उनको तत्काल दुरुस्त करवाया जाए। हमारे पास पर्याप्त पाइप हैं । पेयजल संकट से निपटने के लिए एक कार्ययोजना रिक्वायरमेंट के साथ में बिजली होने पर जल संस्थान की टंकियों पर पानी स्टोर किया जाए और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पहले से जो बने हैं रोजाना भरवाया जाए। यह सारी व्यवस्थाएं होने से शहर के प्रत्येक आदमी को 135 लीटर पानी की व्यवस्था दो लाख की आबादी तक के क्षेत्र में आसानी से की जा सकती है ।