उन्होंने कहा कि राज्य में सात स्मार्ट शहर हैं। नए ईवी चार्जिंग स्टेशनों में से लगभग 50 प्रतिशत स्टेशनों को इन स्मार्ट शहरों में केंद्रित करने की योजना है। जिसमें बेंगलूरु के हिस्से में लगभग 150 स्टेशन आएंगे। शेष स्टेशनों को राज्य भर में प्रत्येक जिला मुख्यालय और राजमार्गों में समान रूप से आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने स्थानों की पहचान करने और परियोजना के तेजी से कार्यान्वयन के लिए स्थानीय स्तर पर इस गतिविधि को समन्वित करने के लिए अन्य डिस्कॉम को शामिल किया है।
मालूम हो कि वर्तमान में बेस्कॉम बेंगलूरु शहर में 136 ईवी चार्जर संचालित कर रहा है। मार्च में भारी उद्योग विभाग ने फेम योजना चरण -2 के माध्यम से राज्य को 172 ईवी चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी थी, जिसमें से बेंगलूरु शहर में 152 चार्जिंग स्टेशनों का आवंटन किया गया था। बेस्कॉम ने बेंगलूरु शहर में इन चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित करने के लिए नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) और राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (आरईआईएल) के साथ समझौता किया है। राज्य सरकार के इलेक्ट्रिक वाहन और ऊर्जा भंडारण नीति के अनुरूप, बुनियादी ढांचे से संबंधित मामलों को देखने के लिए सिंगल-विंडो एजेंसी के रूप में एक समर्पित इलेक्ट्रिक वाहन सेल बनाया गया था।
बेस्कॉम ने फरवरी -2022 में लगभग 6,500 मेगावाट का पीक लोड दर्ज किया जिसमें से लगभग 2,500 मेगावाट लोड बेंगलूरु शहरी जिले से है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने पर जोर दे रही है। ऐसे में यह संभावना है कि आने वाले दिनों में वितरण ग्रिड पर ईवी लोड बहुत अधिक होने वाला है। आईएसजीएफ के सहयोग से बेस्कॉम ने ग्रिड पर ईवी चार्जिंग स्टेशनों के प्रभाव पर एक अध्ययन किया है। चोलन ने कहा कि इसके मद्देनजर तैयारियां की जाएंगी। ऊर्जा विभाग 23 से 30 जून के बीच ईवी चार्जिंग सेंटर अभियान भी चलाएगा। मालूम हो कि 2021 तक बेंगलूरु में 17,289 दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन हैं जो रिपोर्ट के अनुसार 2030 में 1,918,434 तक पहुंच सकते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की जरूरत को पूरा करने के लिए, 2030 तक शहर में 58,000 चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता होगी। बेस्कॉम के चार्जिंग स्टेशनों के अलावा बेंगलूरु शहर में निजी कम्पनियों द्वारा सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं।