गडकरी ने सोमवार को जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया उसमें बेलगावी-खानापुर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग ४ए के खंड का चार लेन निर्माण जबकि कर्नाटक-गोवा की सीमा पर दूसरे खंड का दो लेन में निर्माण। इसके अतिरिक्त उन्होंने कागवाड़ में राज्य राजमार्ग-१२, जिसे अब राष्ट्रीय राजमार्ग में परिवर्तित किया गया है, पर विजयापुर-शंखेश्वर खंड का दो लेन निर्माण जिससे विजयापुर और शंखेश्वर के बीच की सडक़ पर वाहनों का दबाव कम होगा।
गडकरी ने कहा कि कर्नाटक में १३,५६५ किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग है। वर्ष २०१४-१५ से अब तक राज्य में ३०,३६५ करोड़ रूपए की लागत से ३३४५ किलोमीटर एनएवच के निर्माण को केन्द्र ने स्वीकृति दी है जिसके तहत इस समय राज्य में १६३ निर्माण कार्य गतिमान हैं। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान ३१३५ किमी की परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ जिसमें से १६७७ किमी का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। केन्द्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष २०१०-११ से २०१३-१४ के दौरान कर्नाटक में २३७६ किमी एनएच का काम स्वीकृत हुआ लेकिन उस अवधि में मात्र ९५६ किमी एनएच का निर्माण हुआ।
भारत माला के तहत ३७२६ किमी का निर्माण
भारत माला परियोजना के तहत कर्नाटक में ८५००० करोड़ रुपए की ३७२६ किमी सडक़ निर्माण की परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। इसके तहत १४३५ किमी की कुल १३ परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं जबकि १२ परियोजनाएं फिलहाल निविदा प्रक्रिया के अधीन हैं। वहीं १६ परियोजनाएं डीपीआर चरण में हैं। इसके अतिरिक्त सेतु भारत परियोजना के तहत ७ रेलवे पुलों के लिए निविदाएं प्रक्रिया शुरू हुई है।
बेंगलूरु रिंग रोड का पूरा होगा काम
गडकरी ने कहा कि राज्य में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में बेंगलूरु रिंग रोड भी शामिल है। दीर्घ लंबित परियोजना के शेष बचे खंड पर एनएचएआई ने निर्माण कार्य शुरू किया है जो भारतमाला के तहत होगा। इसमें तमिलनाडु के होसूर में एनएच-४ को कर्नाटक में एनएच-७ से जोड़ा जाना है। यह सडक़ होसूर, अनेकल, कनकपुरा, रामनगर, दोबासपेट को एक दूसरे से जोड़ेगी। यह रिंग रोड कर्नाटक में करीब १४० किलोमीटर और तमिलनाडु में करीब ४५ किलोमीटर गुजरेगी और १०००० करोड़ रुपए की अनुमानित लागत है।