सीआईडी के अनुसार सीआईडी के आर्थिक अपराध विभाग के अधिकारियों ने हलसूरु, राजाजी नगर, सदाशिव नगर, जयनगर, बसवनगुडी समेत १५ जगहों पर छापा मारकर श्रीनिवास, रामकृष्णा, कुमारेश बाबू, श्रीहरिकृष्णा, एस.पी.श्रीशा, रमेश, एन. लोकेश, प्रसन्न कुमार, एन.विजय सिंहा और बीएन वेंकटेश समेत ग्यारह लोगों को गिरफ्तार किया।
छापे के दौरान कई दस्तावेजों को जब्त किया गया है। गिरफ्तार लोगों के निवास और कार्यालयों पर छाापे मारे गए। इन लोगों को तीसरे अतिरिक्त मेट्रोपालिटन न्यायालय के सामने पेश किया गया। इनमें से दस हिरासत में
इनमें से दस लोगों से अधिक पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है और एक को न्यायिक हिरासत में रखा गया है। जब्त दस्तावेजों और फाइलों की जांच के बाद सीआईडी अधिक पूछताछ करेगी। सीआईडी ने मामले से जुड़े अन्य लोगों के निवास और कार्यालयों पर छापा मारने की योजना बनाई है। जांच से पता चला है कि बैंक में साल 2012 से लेकर 2018 तक कुल 1,400 करोड रुपयों का भ्रष्टाचार हुआ है। 69 लोगों के नाम 2,876 खातों के लिए 1,323 करोड़ रुपयों का कर्ज जारी किया गया था। वासदेव मय्या की पुत्री ने सुब्रमण्यापुर पुलिस थाने में इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उनका कहना था कि इन्हीं लोगों की वजह से उनके पिता ने आत्महत्या की थी।