scriptबीजीएमएल की 12 हजार एकड़ भूमि राज्य सरकार को मिलेगी | 12,000 acres of land of BGML will be received by the state government | Patrika News

बीजीएमएल की 12 हजार एकड़ भूमि राज्य सरकार को मिलेगी

locationबैंगलोरPublished: Sep 02, 2018 11:00:33 pm

पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद के. एच. मुनियप्पा ने कहा कि केजीएफ में उपलब्ध 12 हजार एकड़ भूिम सरकार को स्थानांतरित की जाएगी।

बीजीएमएल की 12 हजार एकड़ भूमि राज्य सरकार को मिलेगी

बीजीएमएल की 12 हजार एकड़ भूमि राज्य सरकार को मिलेगी

बेंगलूरु. पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद के. एच. मुनियप्पा ने कहा कि केजीएफ में उपलब्ध 12 हजार एकड़ भूिम सरकार को स्थानांतरित की जाएगी। उन्होंने शनिवार को कोलार में कहा कि यह भूमि भारत गोल्ड माइन्स लिमिटेड (बीजीएमएल) के कब्जे में है। केन्द्र सरकार ने यह भूमि सरकार के हवाले की है।

इस भूमि पर बेंगलूरु की तरह महानगर स्थापित होगा। अब बेंगलूरु की जनसंख्या सवा करोड़ से ज्यादा हो गई है। इसलिए केजीएफ को राजधानी क्षेत्र की तरह विकसित करने परियोजना तैयार होगी। केजीएफ से बेंगलूरु १०० किलोमीटर की दूर है। दोनों शहरों के बीच तेज गति रेल गाडिय़ों को चलाने का फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि केजीएफ में ११० से अधिक बड़े भवन हैं। यहां सरकारी कार्यालय स्थापति किए जा सकते हैं।


इसके अलावा केजीएफ को तहसील का दर्जा मिलने से तहसीलदार, सहायक आयुक्त, न्यायालय और अन्य सरकारी कार्यालय शुरू किए गए हैं। अब यहांं एक निजी कंपनी के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम निर्मित किया जा रहा है। इसके अलावा बृहद औद्योगिक पार्क भी स्थापित होगा। केजीएफ, बंगारपेट और मालूर में पानी का संकट है। इस संकट को दूर करने के लिए मेकेदाटु परियोजना से कावेरी का पानी लाने का विचार भी है। पाइप लेन बिछाने के लिए सांसद निधि से राशि और केन्द्र सरकार से आर्थिक सहायता दिलाने का प्रयास करेंगे।

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सभा
बेंगलूरु. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफभाकपा माले, एक्टू, एपवा, ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम, पीपुल्य यूनियन फॉर सिविल लिबर्टिज ने शनिवार को मैसूरु बैंक सर्कल के पास प्रतिरोध सभा का आयोजन किया। वक्ताओं ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा की।


बिना अनुमति कार्यक्रम आयोजित करने के विरोध में पुलिस ने माले व एक्टू कार्यकर्ता लेखा व अपन्ना के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार देश में अघोषित आपातकाल चला रही है। सरकार की नीतियों का विरोध करने तथा आदिवासियों, दलितों व गरीबों के अधिकार की बात करने वालों को नक्सली करार दिया जा रहा है।

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