जीएसटी अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को गुप्त सूचना और आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर 25 जगहों पर तलाशी की कार्रवाई की गई थी। इसी दौरान फर्जी बिल बनाकर इनपुट क्रेडिट का लाभ लेने का मामला उजागर हुआ। अधिकारियों ने फर्जी बिल बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के मामले में तीन लोगों-सुहेल, हफीजुल और बाशा को गिरफ्तार किया है।
बाद में तीनों आरोपियों को कोरमंगला स्थित आर्थिक अपराध मामलों की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तीनों आरोपियों को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। केंद्रीय कर आयुक्त (बेंगलूरु दक्षिण) जी.नारायण स्वामी ने कहा कि इन लोगों ने कई फर्जी कंपनियों के नाम पर फर्जी बिल बनाया जिसका फायदा कई स्टील स्क्रैप डीलर और लोहा व स्टील उत्पादकों ने इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए किया।
उन्होंने बताया कि आरोपी बाशा ने रिश्तेदारों के नाम पर 14 जीएसटी पंजीयन करा रखा था। एक अन्य आरोपी सुहेल के पास 6 जीएसटी पंजीयन थे और दोनों ने मिलकर 20 फर्जी कंपनियां बनाई थी।
उन्होंने बताया कि आरोपी फर्जी पते पर फर्जी कंपनी बनाते थे। किसी सामान की आपूर्ति किए बिना ही फर्जी जीएसटी बिल और फर्जी वाहन नंबर देकर ई-वे बिल बनाते थे। अधिकारियों ने कहा कि अभी मामले की जांच जारी है और आने वाले दिनों में कुछ नए खुलासे होंगे। तीनों आरोपी इस रैकेट के कत्र्ता-धर्ता थे और इनलोगों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है।