हवाई गर्जना के साथ आधुनिक रक्षा उपकरणों की नुमाइश आज से
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी 12 वें एयरो इंडिया-2019 का उद्घाटन
बेंगलूरु. एशिया के सबसे बड़े रक्षा उत्पादन एवं वैमानिकी प्रदर्शनी के तौर पर मशहूर ‘एयरो इंडिया’ के 12 वें संस्करण ‘एयरो इंडिया 2019’ का उद्घाटन यहां बुधवार को यलहंका स्थित वायुसैनिक अड्डे पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी।
पांच दिन (20 से 24 फरवरी) तक चलने वाले इस एयर शो के दौरान देश-विदेश के अत्याधुनिक जंगी विमान आसमान में गर्जना कर अपनी हवाई ताकत की नुमाइश करेंगे तो एयरोबैटिक टीमें आसमान में लहराते और गोता लगाते अद्भुत हवाई करतब दिखाएंगी। हालांकि, मंगलवार को अभ्यास उड़ान भरते सूर्यकिरण एयरोबैटिक टीम के दो विमानों के आपस में टकराने और एक पायलट की मौत से माहौल गमगीन हो गया है। तय मानकों के अनुसार अब जांच पूरी होने तक सूर्यकिरण टीम उड़ान नहीं भरेगी और इस साल एयरो इंडिया में नहीं दिखेगी। वर्ष 2017 में एयरो इंडिया के दौरान सूर्यकिरण की टीम 6 एजेटी हॉक विमानों के साथ हवाई करतब दिखा रही थी वहीं इस साल 9 विमान लेकर वह एयर शो में पूरी क्षमता के साथ आई थी। पिछले कुछ दिनों से अभ्यास उड़ानों के दौरान सूर्यकिरण ने शानदार करतब दिखाए लेकिन अब वे नजर नहीं आएंगे।
हालांकि, अब एयरो इंडिया में निगाहें फ्रांसीसी कंपनी डेसाल्ट एविएशन (दस्सू) का अत्याधुनिक युद्धक राफाल पर जा टिकी है जो इस बार यलहंका वायुसैनिक अड्डे पर फिर एक बार गरजने को तैयार है। उसके अलावा इस बार अमरीकी वायुसेना का लड़ाकू विमान एफ-16 और एफ-18 सुपर हार्नेट के भी होंगे। स्वदेशी तकनीक से निर्मित और वायुसेना में शामिल हो चुके हल्के लड़ाकू विमान ‘तेजसÓ फिर एक बार रोजाना उड़ान भरेगा। अग्रिम पंक्ति का लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई, के साथ स्वदेशी तकनीक से निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) की गर्जना सुनाई देगी।
चार ध्रुव हेलीकॉप्टरों के साथ एयरोबैटिक करतब दिखाने वाली भारतीय वायुसेना की सारंग टीम इस बार भी आकर्षण पैदा करेगी। अत्याधुनिक जंगी विमानों के साथ पुरानी पीढ़ी के वे विमान जो वायुसेना से चरणबद्ध तरीके से बाहर किए जा चुके हैं शामिल हो रहे हैं। इसमें 30 के दशक का विमान डकोटा प्रमुख है। कुल मिलाकर 6 3 विमान इस बार एयरो इंडिया में शामिल हो रहे हैं जो या तो उड़ान भरेंगे या स्टैटिक डिसप्ले में होंगेे।
एयरो इंडिया में इस बार कुल 403 कंपनियां (268 भारतीय, 165 विदेशी) भागीदारी कर रही हैं। इसमें भारत की बड़ी और स्टार्टअप कंपनियों के साथ अमरीका, रूस, फ्रांस, जर्मनी, जापान और इजरायल सहित 22 देशों की कंपनियां भी शामिल हैं।