scriptएक माह में 14 परिवारों ने दी कई लोगों को नई जिंदगी | 14 families gave new life to many | Patrika News

एक माह में 14 परिवारों ने दी कई लोगों को नई जिंदगी

locationबैंगलोरPublished: May 19, 2022 10:37:05 am

Submitted by:

Nikhil Kumar

– दो गुना बढ़ा cadaver दान- 5309 मरीज अब भी organ के भरोसे

एक माह में 14 परिवारों ने दी कई लोगों को नई जिंदगी

एक माह में 14 परिवारों ने दी कई लोगों को नई जिंदगी

बेलगावी जिले के एक 36 वर्षीय हृदय के मरीज को दान में मिले हृदय और प्रत्यारोपण से नई जिंदगी मिली। मरीज करीब चार माह से हृदय दान के इंतजार में था। 32 वर्षीय दाता एक Road Accident में गंभीर रूप से घायल हो गया था। Brain Dead प्रमाणित होने के बाद गर्भवती पत्नी ने उनके अंगों को दान कर दिया।

इसके सहित विगत एक माह में Karnataka में 14 कडैवर दान हुए। इनमें से तीन दान अकेले बुधवार को हुए। गत माह राज्य में पहली बार एक ही दिन में तीन ग्रीन कॉरिडोर बना रिकॉर्ड समय में हृदय, गुर्दा व यकृत एक से दूसरे अस्पताल पहुंचाया गया। समय के साथ अंगदान को लेकर जागरूकता बढ़ी है। ग्रामीण परिवेश के लोग भी इसके लिए आगे आए हैं। बावजूद इसके अंगदान को लेकर अब भी लोगों में झिझक है। 13 जनवरी से आठ मई तक ब्रेन डेड मरीजों के अंग दूसरों के काम नहीं आ सके क्योंकि परिजनों ने दान की अनुमति नहीं दी।

पिछले साल से ज्यादा अंगदान
राज्य में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में इस साल की पहली तिमाही में अंगदान (कडैवर) में लगभग दुगुना वृद्धि हुई है। जनवरी से मई के अंत तक 2021 में 25 दान हुए थे। लेकिन, इस वर्ष 13 मई तक कुल 45 लोगों ने परिजनों के ब्रेन डेड प्रमाणित होने के बाद उनके अंगों को दान कर कई लोगों को नई जिंदगी दी है। दाताओं में एक 97 वर्षीय मृतक भी हैं।
राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन राज्य प्रत्यारोपण प्राधिकरण जीवसार्थकते में मुख्य प्रत्यारोपण समन्वयक लिजामोल जोसेफ ने बताया कि वर्ष 2019 में 105 कडैवर दान हुए और इससे 511 अंग प्राप्त हुए। वर्ष 2020 में 35 दान से 167 अंग दूसरों के काम आए। वर्ष 2021 में 70 कडैवर दान हुए। 284 अंगों के प्रत्यारोपण से सैकड़ों मरीजों को नई जिंदगी मिली।

कम अंगदान से प्रतीक्षा सूची लंबी
प्रत्यारोपण विशेषज्ञों का कहना है कि अनुदान में वृद्धि के साथ प्रतिक्षा सूची भी लंबी होती जा रही है। राज्य में कुल 5,309 लोग प्रत्यारोपण के लिए दान के इंतजार में हैं। इनमें से 4,065 लोगों को गुर्दा और 1069 मरीजों को यकृत की जरूरत है। मांग और आपूर्ति में काफी अंतर है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो