हालांकि, अदालत ने मुख्य सचिव टी.एम विजय भास्कर की ओर से दाखिल हलफनामे पर नाराजगी जताई और कहा कि इस तरह आंखों में धूल झोंकने के प्रयास शीघ्र खत्म किए जाएं। मुख्य न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी व न्यायाधीश आर. देवराज की खंडपीठ के समक्ष महाधिवक्ता उदय होल्ला ने मुख्य सचिव टी.एम.विजय भास्कर के की ओर से हलफनामा दाखिल किया।
इसमें अवैध होर्डिंग्स और फ्लैक्स को हटाने का प्रयास करने की बात कही गई थी। खंडपीठ को प्रयास के शब्द पर नाराज होना पड़ा। दिनेश महेश्वरी ने कहा कि अवैध फ्लैक्स और होर्डिंग्स हटाना सरकार का काम है। यहां प्रयास का सवाल नहीं है। अगर यह काम पालिका से नहीं होगा तो उच्च न्यायालय को जो करना है, वह करेगा। खंडपीठ ने एक माह में बेंगलूरु को फ्लैक्स और होर्डिंग्स से मुक्त करने का आदेश दिया और इस मामले की सुनवाई 14 अगस्त तक स्थगित कर दी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि बेगंलूरु को फ्लैक्स और होर्डिंग्स से मुक्त करना होगा। इसके लिए बहाने तलाश करने की जरूरत नहीं।
इसके लिए बैठक करने, आदेश जारी करने या प्रयास करने के बहाने नहीं चलेंगे। अदालत किसी भी बहाने सुनने के लिए तैयार नहीं। फ्लेक्स के मामलों की रोजाना सुनवाई के लिए अतिरिक्त महानगरीय अदालत में पीठ स्थापित होगी। अधिकारियों को कैसे काम करना है, उच्च न्यायालय इसका तरीका बताएगा। अदालत ने 13 अगस्त सरकार को पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। पूरे विवरण के साथ ही हलफनामे में कोई भी बात झूठी साबित होने पर कडी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई।