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बैंगलोर

14 तक फ्लेक्स और बैनर से मुक्त हो शहर

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दिए निर्देश : मुख्य सचिव के शपथपत्र पर नाराजगी जताई

बैंगलोरAug 11, 2018 / 08:12 pm

Ram Naresh Gautam

14 तक फ्लेक्स और बैनर से मुक्त हो शहर

बेंगलूरु. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को 14 अगस्त तक शहर को पूरी तरह फ्लेक्स से मुक्त करने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले पालिका के वकील ने अदालत को बताया कि 1 अगस्त को दिए गए आदेश के बाद से अब 22 हजार से ज्यादा फ्लेक्स हटाए गए हैं जो अवैध तरीके से लगे फ्लेक्सों व बैनरों के 95 फीसदी है। नगर पुलिस ने भी अदालत को बताया कि उसने अवैध तरीके से फ्लेक्स लगाने को लेकर 223 मामले दर्ज किए हैं।
हालांकि, अदालत ने मुख्य सचिव टी.एम विजय भास्कर की ओर से दाखिल हलफनामे पर नाराजगी जताई और कहा कि इस तरह आंखों में धूल झोंकने के प्रयास शीघ्र खत्म किए जाएं। मुख्य न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी व न्यायाधीश आर. देवराज की खंडपीठ के समक्ष महाधिवक्ता उदय होल्ला ने मुख्य सचिव टी.एम.विजय भास्कर के की ओर से हलफनामा दाखिल किया।
इसमें अवैध होर्डिंग्स और फ्लैक्स को हटाने का प्रयास करने की बात कही गई थी। खंडपीठ को प्रयास के शब्द पर नाराज होना पड़ा। दिनेश महेश्वरी ने कहा कि अवैध फ्लैक्स और होर्डिंग्स हटाना सरकार का काम है। यहां प्रयास का सवाल नहीं है। अगर यह काम पालिका से नहीं होगा तो उच्च न्यायालय को जो करना है, वह करेगा। खंडपीठ ने एक माह में बेंगलूरु को फ्लैक्स और होर्डिंग्स से मुक्त करने का आदेश दिया और इस मामले की सुनवाई 14 अगस्त तक स्थगित कर दी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि बेगंलूरु को फ्लैक्स और होर्डिंग्स से मुक्त करना होगा। इसके लिए बहाने तलाश करने की जरूरत नहीं।
इसके लिए बैठक करने, आदेश जारी करने या प्रयास करने के बहाने नहीं चलेंगे। अदालत किसी भी बहाने सुनने के लिए तैयार नहीं। फ्लेक्स के मामलों की रोजाना सुनवाई के लिए अतिरिक्त महानगरीय अदालत में पीठ स्थापित होगी। अधिकारियों को कैसे काम करना है, उच्च न्यायालय इसका तरीका बताएगा। अदालत ने 13 अगस्त सरकार को पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। पूरे विवरण के साथ ही हलफनामे में कोई भी बात झूठी साबित होने पर कडी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई।

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