बीआईएएल के दैनिक संचालन महाप्रबंधक एस.वी. अरूणाचलम ने कहा कि इस स्वचालित प्रक्रिया के कारण बोर्डिंग गेट तक पहुंचने के लिए इंतजार करने का प्रति यात्री समय कम हो जाता है। एक प्रकार से इस तरह की मशीनों के उपयोग से हवाई अड्डे पर यात्रियों के सीधे प्रवेश की सुविधा सुनिश्चित होती है। उन्होंने कहा कि सभी सुरक्षा नियामक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद केआईए अब अगले 18 महीनों में 14 और ऐसी मशीनों को खरीदने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन (यूके) आयातित मशीन के उपयोग करने का यह लाभ है इसमें मैन्युअल हस्तक्षेप को कम किया जा सकता है। केआईए या देश के अधिकांश हवाईअड्डों पर मौजूदा समय में पारंपरिक मैन्युअल संचालित स्कैंनिंग मश्ीनों का उपयोग होता है। इसमें यात्री का सामान स्कैनिंग मशीन से गुजरता है और बाद में ट्रे को मैन्युअल रूप से निकालना पड़ता है जिसे केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के कर्मचारी वापस लौटाते हैं। वहीं एटीआरएस मशीन में सामान स्वचालित रूप से स्टार्टिंग प्वाइंट तक पहुंचने की सुविधा है। पुरानी तकनीक वाली मशीन में सीआईएसएफ के तीन जवानों को ट्रे निकालने और लौटाने के लिए लगाना पड़ता था लेकिन नई तकनीक में किसी जवान की जरूरत नहीं होगी। इस प्रकार सीआईएसएफ जवानों को सुरक्षा के अन्य कामों में लगाए जाने की सुविधा मिलेगी।
एक बार में चार यात्री करेंगे उपयोग
स्वचालित एटीआरएस मशीन में एक साथ चार ट्रे का उपयोग होता है। इस प्रकार एक ही समय में चार यात्रियों का सामान ट्रे में रखा जा सकता है और पूरी जांच प्रक्रिया एक बार में हो जाएगी। मशीन की एक विशेष खासियत यह है कि अगर सामान के संदिग्ध प्रकृति के मिलने पर मशीन में मौजूद प्रणाली इसे एक अलग लाइन में अलग कर देती है और इस प्रकार सामान अस्वीकार्य श्रेणी का हो जाता है। हालांकि प्रणाली को संचालित करने के लिए सीआईएसएफ का जवान पुश बटन दबाने और कम्प्यूटर स्क्रीनिंग पर एक अधिकारी सामान देखने के लिए तैनात रहेंगे। यह प्रणाली सुरक्षा सुविधाओं को बढाने और प्रभावी स्क्रीनिंग में मददगार है।
स्वचालित एटीआरएस मशीन में एक साथ चार ट्रे का उपयोग होता है। इस प्रकार एक ही समय में चार यात्रियों का सामान ट्रे में रखा जा सकता है और पूरी जांच प्रक्रिया एक बार में हो जाएगी। मशीन की एक विशेष खासियत यह है कि अगर सामान के संदिग्ध प्रकृति के मिलने पर मशीन में मौजूद प्रणाली इसे एक अलग लाइन में अलग कर देती है और इस प्रकार सामान अस्वीकार्य श्रेणी का हो जाता है। हालांकि प्रणाली को संचालित करने के लिए सीआईएसएफ का जवान पुश बटन दबाने और कम्प्यूटर स्क्रीनिंग पर एक अधिकारी सामान देखने के लिए तैनात रहेंगे। यह प्रणाली सुरक्षा सुविधाओं को बढाने और प्रभावी स्क्रीनिंग में मददगार है।